जिले में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तहत 15 जनवरी से 14 फरवरी तक चलाये गये सघन मलेरिया जांच अभियान में कुल 3 लाख 11 हजार 604 लोगों का रक्त परीक्षण किया गया। इस दौरान 14 हजार 656 मलेरिया धनात्मक प्रकरण पाये गये, जिसमें 552 पीव्ही तथा 13314 पीएफ और 790 लोगों का मिक्स मलेरिया पाजिटिव पाया गया। मानसून की दस्तक के बाद जिले में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के द्वितीय चरण की शुरूआत बीते 15 जून से हुई है, जो 31 जुलाई तक चली। नक्सल प्रभावित जिला दंतेवाड़ा के सभी विकासखण्ड में कलेक्टर श्री दीपक सोनी के मार्गदर्शन में 8 जून से प्रथम फेज में पहुंच विहीन गांवों के लिए अभियान शुरू किया गया था। द्वितीय चरण में 69 हजार 532 घरों में सर्वेक्षण कर 3 लाख 01 हजार 996 लोगों की मलेरिया जांच करने का लक्ष्य रखा गया था। परन्तु सर्वेक्षण दलों के द्वारा 71 हजार 186 घरों का सर्वेक्षण कर 3 लाख 03 हजार 225 लोगों की जांच की गयी। जिसमें से 3 हजार 645 लोग मलेरिया पाजिटिव पाये गये हैं।
तृतीय चरण 15 जनवरी से 23 फरवरी 2020 तक चलायी गई जिसमें 3 लाख 3 सौ 71 घरों में सर्वेक्षण कर 3 लाख 17 हजार 4 सौ 35 लोगों का मलेरिया जांच किया गया। जिसमें 14 हजार 8 सौ 91 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाये गये। जिनका बेहतर इलाज किया गया और मलेरिया से सुरक्षा और बचाव की जानकारी भी दी गयी। कलेक्टर श्री दीपक सोनी ने स्वयं यहां की क्षेत्रीय बोली गोंडी में आमजन के लिए वीडियो सन्देश दिया था, जिससे लोग प्रभावित हुए और मलेरिया सर्वेक्षण दल का पूर्ण सहयोग किया, साथ ही उनके बताए अनुसार घरों में मच्छरदानी का प्रयोग और मिले हुए दवाई का सेवन किया। जिले के मलेरिया सर्वेक्षण दलों ने प्रत्येक घरों में दस्तक देकर मलेरिया की जांच की। इन दलों द्वारा घरों के साथ-साथ अन्य स्थलों में जाकर मलेरिया की जांच की गयी। इन दलों के द्वारा जिले के सभी लोगों के खून की जांच की गई और मलेरिया पाए जाने पर त्वरित ईलाज एवं निःशुल्क दवाईयां भी उपलब्ध कराया गया। ईलाज शुरू करने के बाद मरीजों का फालो-अप भी लिया गया। जिससे दंतेवाड़ा जिले ने निर्धारित समय से पूर्व ही अपना लक्ष्य पूर्ण कर लिया जो बहुत अच्छी बात है। जो जिला प्रशासन का मार्गदर्शन और स्वास्थ्य विभाग की मेहनत का नतीजा है।