दंतेवाड़ा : जेल में 'विधिक साक्षरता शिविर' कार्यक्रम का आयोजन

दंतेवाड़ा। जिला जेल दंतेवाड़ा में ''विधिक साक्षरता शिविर'' का आयोजन किया गया। विधिक साक्षरता शिविर में अपर सत्र न्यायाधीश श्री शैलेश शर्मा एवं श्री संजय सोनी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहें। विधिक सहायता क्लिनिक दंतेवाड़ा के शासकीय विधिक सेवा कार्यक्रम में संजय सोनी द्वारा बताया गया कि जेल में लीगल एड क्लीनिक स्थापित है। जहां जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिवक्ता द्वारा सप्ताह में दो दिन उपस्थित होकर बंदियों को विधिक सहायता प्रदान किया जा रहा है। जहां प्रत्येक बंदी अपने प्रकरण से संबंधित समस्याओं को अवगत करा सकता है। संजय सोनी द्वारा अवगत कराया गया कि भारत में 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटियों द्वारा बंदियों की रिहाई के लिए एक अभियान, माड्यूल अनुसार प्रत्येक बंदियों की डाटा तैयार कर शासन की ओर प्रेषित किया जाना है। शासन द्वारा बंदियों की शीघ्र रिहाई हेतु प्रयास किया जाना अवगत कराया गया।
कार्यक्रम में अपर सत्र न्यायाधीश शैलेश शर्मा ने बंदियों को बताया कि किसी व्यक्ति के पुलिस गिरफ्तारी किये जाने के साथ ही व्यक्ति विधिक अधिकारों के पात्र हो जाते है। किसी व्यक्ति के गिरफ्तारी होने के 24 घंटे के अंदर ही परिजनों को सूचित किया जाना रहता है। न्यायालय में रिमाण्ड प्रस्तुत करने के पूर्व सरकारी अधिवक्ता या निजी अधिवक्ता करना चाहते हैं, का निर्णय ले ले। जिला जेल दंतेवाड़ा में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यों को सराहा गया तथा अवगत कराया गया कि जिला विधिक सेवा के अधिवक्ता पूरी ईमानदारी से आपके पक्ष प्रकरणों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाना बताया गया।
अपर सत्र न्यायाधीश दंतेवाड़ा शैलेश शर्मा द्वारा बताया गया कि वर्ष 2017 से लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण की कार्यवाही की जा रही है। जेल में बंदियों से उनके प्रकरणों एवं अन्य समस्याओं के संबंध में विस्तार चर्चा की गयी तथा उनके प्रकरणों/समस्याओं के नियमानुसार शीघ्र निराकरण का आश्वासन दिया गया। न्यायाधीश द्वारा बंदियों से उन्हें जेल में मिल रहे सुविधाओं की जानकारी ली गई। साथ ही बंदियों के जेल में नैतिक कर्तव्य जेल में आपस में मिलजुल कर रहना, साफ-सफाई रखना, जेल प्रशासन का सहयोग करना तथा जेल से रिहा होकर अन्य लोगों को भी अपराध से रोकने में सहयोग करने तथा एैसा कार्य न करें जिससे कि दोबारा जेल आना पड़े की बात कही गयी एवं जेल से रिहा होने के पश्चात् अपराध से मुक्त होकर समाज की मुख्यधारा से पुनः जुड़ने हेतु प्रेरित किया गया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक, श्री जी.एस.शोरी, न्यायालयीन कर्मचारी, जेल कर्मचारी उपस्थित थे।