दंतेवाड़ा। कृषि विज्ञान केन्द्र, दन्तेवाड़ा द्वारा जिला खनिज संस्थान निधि अंतर्गत सतत् जीविकोपार्जन के तहत 28 से 30 सितम्बर को 3 दिवसीय मशरूम उत्पादन एवं प्रसंस्करण प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत स्व-सहायता समूह की महिलाओं को मशरूम उत्पादन एवं प्रसंस्करण के संबंध में जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण में कारली, बडे कारली एवं हितामेटा की स्व-सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित रही। प्रशिक्षण का उद्देश्य महिलाओं को आजीविका सर्जक गतिविधियों से जोडना था। प्रशिक्षण पश्चात महिला समूहों को मशरूम का बीज एवं अन्य समाग्री वितरण किया गया ताकि वे शीघ्र मशरूम का उत्पादन कर सकें। प्रशिक्षण में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. नारायण साहू द्वारा समूह की महिलाओं को मशरूम के पोषक तत्व एवं महत्व से संबंधित जानकारी दी गई तथा मशरूम से अपनी आय को बढ़ाने के उपाय बताया गया। उन्होनें कृषि एवं घरेलु कार्य के उपरांत बचे हुए समय का उपयोग मशरूम उत्पादन में करने को कहा।
वैज्ञानिक डॉ. अनिल कुमार ठाकुर के द्वारा मशरूम के उत्पादन के विभिन्न चरणों का विस्तृत वर्णन किया गया। जिसमें मशरूम उत्पादन हेतु आवश्यक सामाग्रियां जैसे धान-पैरा, मशरूम बीज, फारमेलिन, बाविस्टिन तथा मशरूम उत्पादन की जैविक एवं रसायनिक विधि का उचित उपयोग कर समय पर प्रबंधन करते हुए मशरूम का अच्छा उत्पादन कर सकते है के बारे में जानकारी दी गई। तत्पश्चात कार्यक्रम सहायक (पौध रोग विज्ञान) सुश्री वंदना चड़ार के द्वारा मशरूम बीज का उत्पादन, मशरूम में लगने वाले कीट एवं रोग तथा मशरूम के प्रसंस्करण के बारे में जानकारी दी गई। मशरूम प्रसंस्करण के अंतर्गत मशरूम का परिरक्षण, मशरूम से बनने वाले विभिन्न उत्पादों जैसे सूखा मशरूम, पापड़, पकौड़ा, बड़ी, अचार एवं उनका मूल्य संवर्धन जैसे विषयों पर परिचर्चा किया गया। प्रशिक्षण उपरांत शांति कश्यप, कु. पुजा कश्यप एवं श्रीमति शर्मिली नाग द्वारा प्रायोगिक कार्य कराया गया। इनके द्वारा मिश्रण विधि, तह विधि व सिलेण्डर विधि से मशरूम उत्पादक पिण्डों का निर्माण किया गया।