दंतेवाड़ा: सुपोषण केन्द्रों के माध्यम से 4 हजार 412 बच्चे कुपोषण से हुए मुक्त
दंतेवाड़ा। बच्चों एवं महिलाओं के पोषण स्तर में सकारात्मक सुधार एवं पोषण व्यवहार में परिवर्तन हेतु आदिवासी बाहुल्य दंतेवाड़ा जिले में मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का संचालन किया जा रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य जिले में कुपोषण एवं एनीमिया के दर में कमी लाने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पौष्टिक, प्रोटीन, आयरन युक्त खाद्य सामाग्रियों का अपने दैनिक जीवन में शामिल करना है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत जिले में सुपोषण केंद्र के माध्यम से 1 से 3 वर्ष के सामान्य एवं कुपोषित बच्चे, शिशुवती माताओं एवं आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से 3 से 6 वर्ष के बच्चे तथा गर्भवती माताओं को लाभांवित किया जाता है।
मुख्य रूप से इस योजना में अपने घरों में उपयोग आहार के साथ-साथ अतिरिक्त आहार के रूप में उनके शरीर को दैनिक आवश्यकता प्रोटीन एवं वसा की मात्रा को पूर्ति एवं जन सामान्य में कुपोषण एवं एनीमिया के विरूद्ध जन जागरूकता लाना एवं इससे निपटने के लिए वातावरण तैयार करना है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कुपोषण के विरुद्ध लड़ने सुपोषण योजना की शुरुआत 2 अक्टूबर 2019 को किया था। योजनान्तर्गत बच्चों और माताओं को प्रति दिवस मुफ्त पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है। शासन द्वारा खाने में अंडे, गुड़ और मूंगफली से बने लड्डू उपलब्ध कराई जा रही है। यह योजना लाभकारी सिद्ध हुई है बच्चों, महिलाओं को पौष्टिक आहार मिलने से कुपोषण की दर घटी है गर्भवती माताओं की मृत्यु दर में कमी आयी है जिले के आंगनबाड़ियों के माध्यम से संचालित मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान ने कुपोषण से मुक्ति दिलाने में अहम योगदान दिया है लोगों को कुपोषण से निजात दिलाने के लिए स्थानीय स्तर पर भी प्रयास जारी है आंगनबाड़ी दीदियों द्वारा गर्भवती माताओं के खानपान, संतुलित आहार साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है। घर-घर भेंट कर गर्भवती माताओं पौष्टिक व्यंजनों, बच्चों का उचित देखभाल, गर्भवती महिलाओं को उचित पोषण और उनका टीकाकरण, आदि के बारे में जानकारी देकर बताया जा रहा है योजना की शुरुआत से अब तक मुख्यमंत्री सुपोषण योजना से 94 हजार 828 लोग लाभान्वित हुए है साथ ही 4 हजार 412 बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए है।