छत्तीसगढ़

मम्प्स का खतरा मंडराया, राज्य में मिले 190 मरीज

Nilmani Pal
12 March 2024 1:57 AM GMT
मम्प्स का खतरा मंडराया, राज्य में मिले 190 मरीज
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ये है लक्षण

केरल। केरल में मम्प्स तेजी से फैल रहा है। इसे हिंदी में कंठमाला या गलसुआ के नाम से भी जानते हैं। जानकारी के मुताबिक राज्य में एक दिन में ही 190 मामले सामने आए। वहीं मार्च के महीने में अब तक 2505 लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। दो महीने के भीतर ही 11467 मरीज रिपोर्ट हुए हैं। केरल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि राज्य में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल को भी अलर्ट कर दिया गया है।

बता दें कि मम्प्स एक वायरस पैरामिक्सोवायरस की वजह से फैलता है। यह संपर्क में आने से या फिर हवा में वॉटर ड्रॉप्लेट्स के माध्यम से ट्रांसफर हो सकता है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बीमारी पैदा कर सकता है। प्रभावित होने के तीन से चार घंटे के बाद इसके लक्षण नजर आने लगते हैं। कई बार इसके लक्षण दो से तीन सप्ताह बाद दिखाई देते हैं। ऐसा भी हो सकता है कि वायरस से संक्रमित होने के बाद भी लक्षण ना दिखाई दें। इसमें बुखार, सिर दर्द, थकान, शरीर में दर्द, सलावरी ग्लैंड में सूजन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। 70 फीसदी केसों में गालों में सूजन आ जाती है। इस बीमारी को चिपमंक चीक्स के नाम से भी जाना जाता है।

इस बीमारी के असर वैसे तो गंभीर नहीं होते लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में यह दिमाग, पेन्क्रीज और टेस्टिकल्स को भी प्रभावित कर सकता है। इससे दिमाग में सूजन आने का खतरा बना रहता है। यह ज्यादातर किशोरों को प्रभावित करता है। केरल के मलाप्पुम में मम्प्स के ज्यादातर केस रिपोर्ट हो रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बच्चों को मम्प्स की वैक्सीन प्राइवेट सेंटर पर लगवाई जा सकती है।


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