
रायपुर। महाशिवरात्रि का अवसर है इस समय देशभर के शिव मंदिर शिव के शंखनाद से गुंजयमान रहते है। इसी तरह छत्तीसगढ़ राज्य में भी कई शिव मंदिर है जहा शिवभक्ति के साथ मेले भी लगते हैं। रायपुर से करीब 25 किलोमीटर और भिलाई से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर कल्चुरी कालीन (12 वीं से 13वीं शताब्दी ) शिव मंदिर स्थित है। इस मंदिर के गर्भगृह में मौजूद स्वयंभू शिवलिंग भूरे रंग की है। इस मंदिर के बगल में ही एक बावड़ीनुमा कुंड बना हुआ है। इस कुंड की खासियत है कि गर्मी के दिनों में भी इसका पानी नहीं सूखता। शिवरात्रि के अवसर पर यहां दो दिन का बड़ा मेला लगता है जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय संरक्षित मंदिरों की संख्या कुल 39 है, जिनकी देखरेख केंद्रीय पुरातत्व विभाग के द्वारा किया जाता है। इन मंदिरो में सबसे अधिक 17 शिव मंदिर हैं। बाकी 22 मंदिर विष्णु, बुद्ध, दंतेश्वरी समेत अन्य देवी-देवताओं के हैं। 39 संरक्षित मंदिरों में से विभिन्ना देवी-देवताओं के 19 ऐसे ऐतिहासिक मंदिर हैं, जहां आज भी नियमित रूप से पूजा होती है, जिनमें आठ मंदिर शिवजी के हैं।
भूतेश्वर महादेव का मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य के गरियाबंद जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर घने जंगलों के बीच बसा है गांव मरौदा में स्थित है। इस शिवलिंग की ऊंचाई 16 फिट तथा गोलाई 21 फिट है। शिवलिंग की ऊंचाई और गोलाई धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। राजस्व विभाग के अनुसार प्रतिवर्ष 6 से 8 इंच की बढ़ोतरी हो रही है। भूतेश्वर महादेव के नाम से ख्यात यह शिवलिंग मरौदा में पहाड़ियों के बीच स्थित है। यह जमीन से लगभग 85 फीट उंचा एवं 105 फीट गोलाकार है.