रायपुर। वैश्विक स्तर पर छाए हुए कोरोना वायरस की महामारी के निवारण हेतु विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं अनेकानेक वैज्ञानिक भी यज्ञ की महिमा को जानकर प्रेरित और संकल्पित हो रहे है। वर्ष 2017 से वंदनीय माताजी के जन्मशताब्दी वर्ष 2026 तक का समय अखिल विश्व गायत्री परिवार गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ उपासना वर्ष के रुप में मना रहा है। इसी कड़ी में सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय का संकल्प के साथ कोरोना से मुक्ति, पर्यावरण संवर्धन एवं संरक्षण, वातावरण का परिशोधन, समर्थ राष्ट्र निर्माण, वैचारिक उत्कृष्टता, समाज में छाई हुई विकृतियों को नष्ट तथा सत्प्रवृतत्तियों के संवर्धन के लिये आध्यात्मिक प्रयोग सामूहिक स्तर पर पूरे विश्व में किया जा रहा है। इस वर्ष यह आयोजन 03 मई 2021 को किया जायेगा।गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या के मार्गदर्शन में इसमें भारत के साथ साथ अमेरिका, कनाडा, साउथ एशिया सहित अनेक देशों में विश्व भर के करोड़ों साधक आयुर्वेदिक औषधियुक्त हवन सामाग्री के साथ गायत्री, महामृत्यंजय एवं सूर्य (आदित्य) मंत्रों के उच्चारण कर यज्ञ में आहूती अर्पित करेंगे। ''गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ-उपासना'' का मुख्य उद्देश्य मानव कल्याण है। वेद-पुराण और आयुर्वेदिक ग्रंथों में स्वास्थ्य रक्षा के लिये अनेक मंत्रों व उपयों का उल्लेख है। वैदिक काल के ये मंत्र यज्ञ और ये उपाय आज भी अचूक है। इन्ही तथ्यों को ध्यान में रखते हुए यह आयोजन किया जा रहा है। पूरे विश्व में एक दिन एक साथ यज्ञ करने पर प्रयुक्त हवन सामाग्री से जो धूम्र उत्पन्न होगा वह पूरे ब्रम्हाण्ड में समाहित होकर संपूर्ण वातावरण को शुद्ध करेगा।
वर्तमान में कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए गायत्री परिवार संगठन के सदस्यों द्वारा घर-घर जाकर यज्ञ कार्य संपन्न कराना संभव नहीं है। इस हेतु पूर्व से सभी परिवारों को स्वयं ही अपने घरों में यज्ञ करने हेतु यूट्यूब के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया गया है । साथ ही मोबाईल पंडित एप पर ऑनलाईन तैयारियां की गयी हैं ताकि किसी भी व्यक्ति को स्वयं से यज्ञ करने में कठिनाई उत्पन्न न हो।
गायत्री परिवार छत्तीसगढ़ के जोन समन्वयक श्री दिलीप पाणीग्रही ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में भी लाखों घरों में एक दिन एक साथ एक समय में 'गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ करने'' लक्ष्य रखा गया है। उक्त हेतु राज्य के सभी उपजोन समन्वयक, जिला समन्वयक, शक्ति पीठ के ट्रस्टीगणों एवं परिजनों के साथ विडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसकी तैयारी करवाई जा रही है। रायपुर जिला के 21000 घरों में यह यज्ञ संपन्न करने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके अतिरिक्त श्री पाणीग्रही ने बताया कि वर्तमान में कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण "गायत्री परिवार आपदा प्रबंध वाहिनी" का भी गठन किया गया है, जिसके माध्यम से जिला रायपुर में जरुरतमंदों की विभिन्न प्रकार से सेवा की जा रही है, जिसमे ऑक्सीजन सिलेंडर प्रदान करना, निशुल्क मनोवैज्ञानिक परामर्श सेवा के साथ साथ जरुरतमंदों को निशुल्क भोजन एवं दवा का वितरण किया जा रहा है। स्थानीय शासन प्रशासन को भी निरंतर सहयोग प्रदान किया जा रहा है ।