हर रोज हो रही चाकूबाजी पुलिस की कार्रवाई बेअसर
छुटभैय्ये नेता अपराधियों, नशे के कारोबारियों को संरक्षण देकर पुलिस की मेहनत पर फेर रहे हैं पानी
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। पुलिस की ताबड़तोड़ कारवाई और अपराधियों की धरपकड़ के बाद भी अपराधियों में कोई खौफ नहीं दिख रहा है। रायपुर में चाकूबाजी की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। सख्त कानूनों के बावजूद अपराधों की बाढ़ जारी है। ऐसा लगता है कि कानून का कोई खौफ लोगों में नहीं है। अपराधों की बढ़ती संख्या से तो यही लगता है कि लोगों में कानून का डर भी नहीं है। अपराधी अपराध करके लोगों में अपना ख़ौफ़ फैलाने के लिए सोशल मीडिया में लाइव मर्डर का वीडियो भी शेयर करते है ताकि लोगों में उनके प्रति एक भय का माहौल कायम रहे। रायपुर शहर में आए दिन चाकूबाजी और हत्या की वारदातें बढ़ती जा रही है। ऐसे संगीन अपराधों को देखते हुए डीजीपी डी.एम.अवस्थी ने भी अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए बावजूद अपराध में लिप्त लोग चाकूबाजी और हत्या जैसे अपराध निरंतर करते जा रहे है। और बीते दिनों पुरानी बस्ती क्षेत्र में एक युवक ने अपने ही दोस्त को चाकू मार दिया। दोनों के बीच रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि दूसरे घायल युवक को मेकाहारा में भर्ती कराया गया। जहां उसकी हालत अब पहले से बेहतर बताई जा रही है। क्या अपराधियों में कानून को लेकर कोई डर है ?
वीडियो वायरल होने के बाद से उठे कई सवाल : टिकरापारा हत्याकांड का वीडियो जब वायरल हुआ तो उसके बाद से कई सवाल खड़े हुए। इस वीडियो को देखने के बाद से यकीनन कहा जा सकता है कि आरोपी काफी नशे में था। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि मृतक आरोपी दोनों ने बूढ़ा तालाब के पास रात करीब 12.00 बजे बैठकर नशा किया था।
इस पूरी घटना की वीडियो को देखने पर पता चलता है कि इस पूरी घटना को बीच सड़क पर अंजाम दिया गया। जो राजधानी में पुलिस पेट्रोलिंग पर भी कई सवालिया निशान खड़ा करता है। नशे का कारोबार राजधानी में बेखौफ जारी है। इस पर पुलिस द्वारा प्रयास किया गया है लेकिन यह काफी नहीं दिखता। आए दिन लूटपाट और चाकूबाजी की घटनाएं इन्हीं नशेड़ी युवकों के द्वारा की जाती है। नशे के रूप में शराब गांजा यहां तक कि मेडिकल दवाइयों का भी उपयोग किया जाता है।
नशे की गिरफ्त में किशोर और युवा बना रहे हैं अपना गैंग
रायपुर पुलिस पेशेवर अपराधियों से ज्यादा नशेडिय़ों के अपराध से भी परेशान है। पेशेवर अपराध पर अंकुश लगाना या फिर उस गिरोह के सदस्यों को पकडऩा जितना आसान है, उतना ही मुश्किल नशे की जद में होने वाले अपराध में शामिल लोगों को पकडऩा होता है। आलम यह है कि नशे की जद में आकर अपराध करने वाले ज्यादातर युवा पीढ़ी होती हैं। राजधानी रायपुर में कई गैंग बन चुके हैं। जिनके अपने कई सदस्य हैं। ये सारे सदस्य नशे कि धुत में पागल नाबालिग लड़के और किशोर युवक हैं। जिनकी उम्र 16 से 27 साल तक की हैं नशे कि लत में धुत ये सारे युवक कहीं भी लूटपाट व छीनाझपटी करते हैं। किसी का भी रास्ता रोककर उनसे पैसों का डिमांड करते हैं, अगर कोई मना करें तो चाकू बाजी की घटना को अंजाम देते हैं। यह सब कुछ कुछ बड़े नामचीन गैंगस्टर के छत्रछाया तले होता हैं। छोटे बड़े अपराधों से राजधानी रायपुर गैंग की नगरी बनती जा रही हैं जिसे ना रोका गया तो शायद राजधानी कहीं अपराधों की राजधानी ना बन जाए।
नशा संबधी पदार्थों की खुलेआम बिक्री
नशे की बुराई न केवल युवाओं के शरीर को खोखला कर उनके भविष्य को अंधकार में धकेल रही है, बल्कि अपराध का ग्राफ भी बढ़ा रही है। शौक के लिए नशा करने वाले युवा लत लगने के बाद नशे की जरूरत को पूरा करने के लिए भटकते रहते हैं। ऐसी हालात में वह नशे के लिए अपराध की दुनिया में कदम रखते हैं, यही कारण है कि छोटी-मोटी वारदातों से लेकर संगीन वारदातों में इलाके के नशाखोर शामिल रहे हैं। जैसे-जैसे समाज में नशाखोरी बढ़ती जा रही है। पुलिस ने नशे के कारोबार में काफी लोगों को गिरफ्तार किया मगर फिर भी रायपुर शहर में नशे का सामान खुलेआम बिकते जा रहा है। नशा के पदार्थ आसानी से कही भी मिल जाते है, जिससे इसे देख-देख कर भी लोग इसकी ओर आकर्षित हो जाते है। युवाओं में नशे का क्रेज़ कॉलेज में साथ पढ़ रहे अमीर घरों के लड़कों से कॉम्पटीशन के चक्कर में सामान्य घरों के बच्चे अपराध का शॉर्टकट चुन ले रहे हैं। कई बार साथियों से बड़ी रकम उधार ले लेते है। पैसे न चुका पाने की स्थिति में अपराध की ओर कदम बढ़ा देते हैं। बाहर से आकर रहने वाले छात्र नशे और कई प्रकार की पार्टियों के आदी हो जाते है। इसमें होने वाले खर्च को पूरा करने के चक्कर में गलत दिशा में बढ़ जाते हैं। शहर में कई जगह खुले हुक्का बारों पर पहुंचने वालों में भी युवाओं की तादाद काफी रहती है। इस चक्कर में भी युवा अपराध को अंजाम देते हैं। आजकल के युवा महंगे मोबाइल, बाइक्स, लैपटॉप जैसी कई सुविधाएं चाहते हैं। इस शौक को पूरा करने के लिए चोरी और लूट का शॉर्टकट अपना रहे हैं। गर्लफ्रेंड्स को महंगे गिफ्ट देकर इंप्रेस करते और रेस्टोरेंट्स में खाना खिलाने का खर्च जुटाने के लिए क्राइम की तरफ कर रहे रुख।
युवा ड्रग माफिया के नेटवर्क में आकर लगातार चरस, स्मैक, हेरोइन जैसे संवेदनशील नशे के दलदल में धंसते जा रहे हैं और अब इन नशा माफियाओं के निशाने पर ज्यादातर शिक्षण संस्थान हैं।