छत्तीसगढ़
नाबालिग से छेड़छाड़ मामले में शिक्षक के खिलाफ अपराध दर्ज, तीन साल बाद थाने पहुंची पीड़िता
Shantanu Roy
29 Sep 2021 4:54 PM GMT
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महासमुंद। बसना ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत खोखसा के पलसाभाड़ी स्कूल में पदस्थ शिक्षक के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज कर लिया गया है। सरायपाली पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ मंगलवार को मामला दर्ज कर आरोपी को हिरासत में लिया है। शिक्षक के खिलाफ सरायपाली थाने में धारा 354 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
जानकारी के अनुसार छेड़छाड़ की घटना साल 2018 की है। 16 अगस्त 2018 को मिशन स्कूल परिसर में मध्य अवकाश के समय दोपहर 1 से 2 बजे के बीच शिक्षक अमित चौहान उम्र 37 वर्ष ने कक्षा 5वीं की छात्रा को कार्यालय में बुलाया। शिक्षक उसे गोद में बिठाकर अश्लील हरकत करने लगा। स्कूल में कार्यरत एक शिक्षिका ने अमित की इस हरकत को देखा और पीडि़त छात्रा के पालक को इसकी जानकारी दी।
घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों ने इसकी जानकारी मिशन स्कूल समिति जगदीशपुर के अध्यक्ष एस जगदल्ला ओर सचिव अमन बाघ को दी। आरोप तो यह भी है कि मामले में मिशन स्कूल का रवैया भी सही नहीं था। स्कूल प्रबंधन समिति ने शिक्षक का इस्तीफ ा लेकर स्कूल से बाहर निकाल दिया। इस कार्रवाई के बाद पालकों ने भी मामले में आवाज नहीं उठाई और मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
अब इस मामले में शिक्षक अमित के खिलाफ अपराध दर्ज होने के बाद पालकों ने राहत की सांस ली है। बच्ची के परिजन और अन्य ग्रामीणों का कहना है कि लंबी लड़ाई के बाद उन्हें जीत मिली है। बच्चों को बुधवार से ही स्कूल भेजा जाएगा।
जानकारी के अनुसार मामले के कुछ साल बाद शिक्षक अमित चौहान ने स्कूल से निकाले जाने के खिलाफ हाईकोर्ट से स्टे ले आया। कोरोना संक्रमण काल के बाद जब स्कूल खुला तो अमित फि र से स्कूल में पढ़ाने के लिए पहुंच गया। शिक्षक को फि र से स्कूल में पढ़ाई कराने की जानकारी जब परिजनों और ग्रामीणों को हुई तो उन्होंने विरोध शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने शिक्षक के विरोध में स्कूल में अपने बच्चों को भेजना ही बंद कर दिया।
मामले में कई बार स्कूल प्रबंधन समिति ने ग्रामीणों को समझाया और अधिकारी भी ग्रामीणों को मनाने के लिए पहुंचे, लेकिन ग्रामीण नहीं माने और मामले की शिकायत सरायपाली थाने में की। शिकायत को संज्ञान में लेते हुए पुलिस ने मामले में कार्रवाई की है। हालांकि ग्रामीण पुलिस के खिलाफ भी खासे नाराज थे। बताया जा रहा है कि पॉलिटिकल प्रेशर के कारण अमित चौहान के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जा रहा था।
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