ठेकेदारों की आपसी रंजिश और काम्पिटिशन से हुआ भ्रष्टाचार का खुलासा
अधिकारियों की साजिश के कारण शासन की बेहतर योजना हो रही बदनाम
ज़ाकिर घुरसेना
रायपुर। सौर ऊर्जा को भ्रष्टाचार का घुन खाये जा रहा है। घुन और कोई नहीं वहां के कर्ताधर्ता ही है। क्रेडा के अधिकारी चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाकर लाखों रुपए की कमीशन खा रहे है। ठेकेदारों से मिली भगत कर ये क्रेडा को चूना लगाने में पीछे नहीं है। यहां ऐसा हो गया जैसे नाम नाम जपना पराया माल अपना। क्रेडा का एक चौकाने वाला मामला फिर से आया है जिसमें सौर सुजला योजना फेस 5 के तहत लगभग 20 हज़ार पंप का निविदा कुछ दिन पहले कराया गया है परंतु फेस 5 और 6 के रेट में लगभग 30 से 40 हज़ार रुपए का अंतर है जबकि फेस 2, 3, 4 की निविदाओं में भी कम रेट रहा है किन्तु फेस 5 में रेट ज्यादा क्यों है जांच का विषय है। सूत्र बताते है कि यहां उच्च स्तर पर ठेकेदारों से मिलकर खेल किया जाता है आगे यह भी जानकारी मिली है कि क्रेडा के संबंधित अधिकारी और उसके कंपनी को चलाने वाले ठेकेदार ने फेस 5 के निविदा में बाकी ठेकेदारों से सांठ-गांठ कर ज्यादा रेट में टेंडर हथिया लिया है। यह भी शिकायत कर्ता के अनुसार फेस 5 क्रेडा के संबंधित अधिकारी और राजेश अग्रवाल की 4 से 5 कंपनी स्वयं की या पार्टनरशिप वाली है। ऐसा बताया जा रहा है कि उक्त अधिकारी जहां भी रहे है वहां ठेकेदार व्दारा ज्यादा रेट में टेंडर निकलवा कर खुद या अपने लोगों को टेंडर दिलवाया है। अभी क्रेडा में भी यही खेल चल रहा है ऐसा खेल सब सेटिंग के तहत होता है। क्रेडा में व्याप्त भ्रष्ट्राचार के बारे में यहां तक सुना गया है कि उपर तक परसेंटेज बंधा हुआ है जिसमें मुख्यमंत्री सचिवालय को भी घसीटा गया है। शिकायत कर्ता ने राज्यपाल,सीबीआई, राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो और मुख्यमंत्री को लिखित शिकायत पोस्टल डाक के व्दारा भेजा गया है जिसकी एक कापी जनता से रिश्ता के दफ्तर में भेजा है। इसी तात्पर्य से जनता से रिश्ता ने जनसरोकोर होने के कारण और जनता के पैसे की जबरदस्त लूट को रोकने हेतु लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का दायित्व निभाते हुए शिकायतकर्ता व्दारा की गई शिकायत को आम जनता के लिए उजागर की। इससे पहले भी क्रेड़ा विभाग में सोलर वाटर पंप और अनेक ऐसी योजनाओं का घोटाला हुआ था जिसका जनता से रिश्ता ने सभी घोटालों को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। शासन को इस खबर को संज्ञान में लेते हुए शिकायतकर्ता की शिकायत पर तत्काल कमेटी बनाकर पूरे टेंडर प्रक्रिया की उच्चस्तरीय जांच करना अति आवश्यक है और ऐसे लोग शासन और मुख्यमंत्री को येनकेन प्रकरण में बदनाम करना चाहते है?। ऐसी सभी अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्ट ठेकेदारों पर कार्रवाई तत्काल होनी चाहिए । ऐसा शिकायतकर्ता ने अपने पत्र में सभी को भेजा है। नाम न छापने के शर्त पर एक ठेकेदार ने बताया कि फेस 5 के निविदा में ज्यादा रेट एक्सेप्ट करने और मनमाफिक पाने के लिए हर पंप में 16,000 एलओआई से पहले सभी ठेकेदारों को उक्त ठेकेदार द्वारा बताया गया था कि संबंधित अधिकारी को देना है जो कुल रकम 32 करोड़ हो रहा है और यह रकम उपर तक भेजा जाना है ऐसा जुमलों में खेल चल रहा है। एक प्रकार से मुख्यमंत्री को बदनाम करने का खुला खेल चल रहा है। कुछ कंपनिया जो क्रेडा में माल सप्लाई के कार्य में लगी है जैसे ्र1ठ्ठद्ब ञ्जह्म्ड्डस्रद्गह्म्ह्य, ङ्कक्रत्र श्वठ्ठद्गद्दह्म्4, ठ्ठद्बह्नह्वद्ग ्रह्यह्यशष्द्बड्डह्लद्गह्य आदि है इन कंपनियों के बारे में कहा जाता है कि ये सभी एक ही व्यापारी ठेकेदार और क्रेडा के संबंधित अधिकारी के अधीन है। और ये लोग अपनी कंपनी के नाम से पैसा देकर ज्यादा से ज्यादा काम ले रहे है। छत्तीसगढ़ सरकार को चाहिए कि क्रेडा के सौर सुजला योजना फेस 5 में धांधली को रोकने के लिए इस निविदा की सारी कार्यवाही किसी उच्च स्तरीय कमेटी की निगरानी में हो ताकि महाभ्रष्टाचार सामने आ सके और दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो सके। क्रेडा को यह कोई पहला मामला नहीं है बल्कि ऐसे पिछले 15 सालों में कई मामले आए और चले गए लेकिन अधिकारियों के सेहत में कोई फ़र्क नहीं पड़ा। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेदाग और स्वच्छ छवि में धब्बा लगाने में कोई कसर भ्रष्ट अधिकारी बाकी नहीं रखना चाहते है, जबकि पूरा विभाग मुख्यमंत्री के अधीन है और ये भ्रष्ट अधिकारियों के कारण शासन और मुख्यमंत्री की बदनामी होती है और विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने में लग जाती है।
सीधे तौर पर हम नहीं देखते। टेंडर कमेटी तय करती है, रेट कम ज्यादा होते रहता है।
कोई काम गुपचुप नहीं होता ।
-आलोक कटियार एमडी,क्रेडा