छत्तीसगढ़

सीपीआई की रणनीति बस्तर लोकसभा सीट में बीजेपी और कांग्रेस के लिए कम नहीं

Nilmani Pal
26 March 2024 9:09 AM GMT
सीपीआई की रणनीति बस्तर लोकसभा सीट में बीजेपी और कांग्रेस के लिए कम नहीं
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रायपुर। बस्तर लोकसभा सीट से सीपीआई के दांव से कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। सीपीआई ने मतांतरित आदिवासियों पर मजबूत पकड़ रखने वाले नारायणपुर के फूल सिंह कचलाम को चुनाव मैदान में उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में जुट गई है। बस्तर में राज्य बनने के बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होते रहा है। हालांकि यहां से सीपीआई को काफी वोट मिलते रहे हैं। हालांकि सीपीआई के वोटों की संख्या में लगातार गिरावट आई है। पिछले चुनाव में सीपीआई को यहां करीब 39 हजार वोट मिले थे।

कांग्रेस ने मौजूदा सांसद प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज की टिकट काटकर यहां पूर्व मंत्री कवासी लखमा को प्रत्याशी बनाया है। कवासी कोंटा से छह बार के विधायक हैं। कवासी का मुकाबला भाजपा के महेश कश्यप से है, जो पहली बार कोई चुनाव लड़ रहे हैं। महेश कश्यप बजरंग दल के प्रांत सह संयोजक रहे हैं।

बस्तर के कई इलाकों में मतांतरित आदिवासियों और आदिवासियों के बीच संघर्ष की स्थिति बनी रही है। नारायणपुर में दो साल पहले बड़ी घटना भी हुई थी। सीपीआई प्रत्याशी फूलसिंह कचलाम नारायणपुर इलाके के रहवासी हैं और वो विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। मतांतरित आदिवासियों के बीच उनका अच्छा प्रभाव है। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि फूलसिंह भले विधानसभा चुनाव में ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाए, लेकिन लोकसभा चुनाव में दमदार मौजूदगी का अहसास करा सकते हैं। उनके लिए सीपीआई के बड़े नेता मनीष कुंजाम काफी मेहनत भी कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के परंपरागत वोटों में सेंध लग सकती है । बहरहाल, कवासी के लिए राह कठिन हो सकती है।

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