छत्तीसगढ़

दमिया में गोबर पेंट निर्माण इकाई का उद्घाटन, पहले दिन 100 लीटर पेंट का हुआ उत्पादन

Shantanu Roy
31 Jan 2023 3:16 PM GMT
दमिया में गोबर पेंट निर्माण इकाई का उद्घाटन, पहले दिन 100 लीटर पेंट का हुआ उत्पादन
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छग
कोरबा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गौठानों में प्राकृतिक पेंट निर्माण स्थापना और इसके माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देने के मंशानुरूप मंगलवार को विकासखण्ड पाली अंतर्गत ग्राम दमिया में प्राकृतिक पेंट निर्माण इकाई का शुभारंभ किया गया। इसके माध्यम से अब कोरबा की महिलाएं भी गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाएंगी। प्राकृतिक पेंट निर्माण से न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। प्राकृतिक पेंट निर्माण इकाई से गांव की महिलाओं को गांव में ही रोजगार मिलेगा। दमिया के गौठान परिसर में पाली तानाखार विधायक मोहित राम केरकेट्टा, गौसेवा आयोग के सदस्य प्रशांत मिश्रा एवं कलेक्टर संजीव झा ने जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में प्राकृतिक पेंट निर्माण इकाई का उद्घाटन किया। अतिथियों ने गौठान में स्थापित इकाई की विभिन्न मशीनों और उपकरणों का अवलोकन किया। साथ ही पेंट निर्माण के विभिन्न चरणों की भी जानकारी ली। दमिया में स्थापित प्राकृतिक गोबर पेंट निर्माण इकाई की उत्पादन क्षमता प्रतिदिवस 500 लीटर तक की है। इकाई के द्वारा प्रथम दिन 100 लीटर गोबर पेंट का निर्माण किया गया है। कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों को स्वसहायता समूह के सदस्यों ने गोबर पेंट भेंट किया। गाय के गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट एंटीबैक्टिरियल, एंटीफंगल, नाॅनटाॅक्सिक और पर्यावरण हितैशी होता है।
इस अवसर पर विधायक केरकेट्टा ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी गोधन न्याय योजना से गोबर से आय, खाद से आय अर्जित की जा रही है। इसके साथ ही प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है। इसी कड़ी में अब गोबर पेंट निर्माण से आय सृजन के नये अध्याय की शुरूआत हो रही है, जो कि निश्चित तौर पर सफल होगा। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना और नरवा-गरवार-घुरवा-बाड़ी माॅडल स्थानीय ग्रामीण परिवारों के आय व संसाधन विकास की योजना के रूप में पर्याय बन चुकी है। जिसे देश व विदेशों में सराहा जा रहा है। गौसेवा आयोग के सदस्य प्रशांत मिश्रा ने कहा कि पहले घर को शुद्ध करने के लिए छुही व गोबर का उपयोग करते थे। परंतु आज के समय में पवित्र गोबर से पेंट, डिस्टेंपर से हमारे घर, गांव के मकानों को रंगाई किया जाएगा। गोबर पेंट सुनकर भरोसा नहीं होता था। परंतु आज दमिया की दीदीयों ने यह बनाकर दिखा दिया। पूरे राज्य में कोरबा जिले में यह पांचवी इकाई स्थापित की जा रही है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष शिवकला कंवर, जनप्रतिनिधि नवीन सिंह, जनपद पंचायत अध्यक्ष, जनपद सदस्य, दमिया की सरपंच अनिता जगत सहित सीईओ जिला पंचायत नूतन कंवर, एसडीएम पाली शिव बनर्जी, डीपीएम राजीव श्रीवास एवं गांव के ग्रामीणजन मौजूद रहे।
प्राकृतिक पेंट निर्माण इकाई के शुभारंभ के अवसर पर कलेक्टर संजीव झा ने कहा कि गांव की महिलाओं ने बहुत ही कम समय में अच्छा काम करके पेंट निर्माण इकाई के संचालन में भागीदारी निभाई है। प्राकृतिक गोबर पेंट निर्माण इकाई का स्वामित्व व देखरेख गोैठान में कार्यरत शिवशक्ति स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जाएगा। उन्होंने इकाई के सुचारू संचालन के लिए समूह की महिलाओं को शुभकामनाएं दी। साथ ही मेहनत और लगन से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। कलेक्टर झा ने कहा कि गौठान निर्माण से चरणबद्ध विकास होते गए। पहले मवेशियों को गौठानों में रखकर चारा-पानी देने का काम शुरू किया गया। उसके बाद गोबर खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट निर्माण शुरू हुआ। गौठानों में गांव की महिलाएं विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों में जुड़ती गईं। इसी के अगले चरण में गोबर से पेंट निर्माण इकाई का स्थापना किया गया है। अगले चरण में गोबर के फाइबर से कागज, गत्ता, थैला आदि बनाने का भी काम किया जाएगा। जिससे अधिक से अधिक महिलाओं को गांव में ही रोजगार प्राप्त होगा। उल्लेखनीय है कि गोबर पेंट-डिस्टेंपर निर्माण में 70-80 रुपए प्रति लीटर लागत आती है। समूह द्वारा गौठान में निर्मित प्राकृतिक पेंट को 150 रूपए प्रति लीटर की दर से विक्रय किया जाएगा। गोबर पेंट-इमर्शन निर्माण में 140-150 रुपए प्रति लीटर लागत आती है, जिसे समूह द्वारा 265 रुपए प्रति लीटर की दर से विक्रय किया जाएगा। पेंट निर्माण इकाई में स्थापित मशीनों को संचालित करने में 6-7 व्यक्तियों की आवश्यकता होती है। गोबर पेंट निर्माण में गोबर से बने 30 प्रतिशत सीएमसी का उपयोग होता है। शेष 70 प्रतिशत अन्य सामग्री 15-16 प्रकार की होती है। इस दौरान कलेक्टर झा ने जय महामाया स्वसहायता समूह द्वारा तीन एकड़ चारागाह में किए जा रहे सब्जी उत्पादन का अवलोकन किया। चारागाह में महिलाओं के द्वारा आलू मिर्च, टमाटर, गोभी, मटर, बैगन उत्पादन करके लाभ कमाया जा रहा है। इस पर कलेक्टर ने स्वसहायता समूह के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया।
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