छत्तीसगढ़

73 लाख के धान खरीदी घोटाला मामले में कोर्ट का फैसला आया, प्रभारी चिंतित

jantaserishta.com
16 March 2024 7:38 AM GMT
73 लाख के धान खरीदी घोटाला मामले में कोर्ट का फैसला आया, प्रभारी चिंतित
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छत्तीसगढ़.
सक्ती। सक्ती न्यायालय ने 73 लाख के धान खरीदी घोटाला मामले में कडारी केंद्र प्रभारी को 3 साल की सजा और 5 हजार का अर्थदंड से दंडित किया है. सक्ती न्यायालय के मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट गंगा पटेल ने सजा सुनाई है. बता दें कि 10 साल बाद कोर्ट का यह फैसला आया है जिसमे कोर्ट ने तत्कालीन खरीदी केंद्र प्रभारी को दोषी पाते हुए सजा सुनाई है,
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अरविन्द कुमार जायसवाल ने बताया कि वर्ष 2013-14 में कलेक्टर जिला जांजगीर चांपा के आदेश पर पी.के पाण्डेय, खाद्य अधिकारी, के.के शर्मा नायब तहसीलदार चांपा, जी.आर भतरा सहकारिता अधिकारी, एस.पी.सोनी संग्रहण केन्द्र प्रभारी एवं गिरधारी लाल राठौर को मिलाकर संयुक्त जांच दल का गठन कर विभिन्न धान खरीदी केन्द्र का निरीक्षण किया गया था.
इसी क्रम में 18 फरवरी 2014 को सेवा सहकारी समिति कडारी के अधीनस्थ धान उपार्जन केन्द्र का निरीक्षण कर जांच किया गया. जिसमें तत्कालीन प्रभारी समिति अशोक सिंह ठाकुर के द्वारा धान खरीदी से संबंधित दस्तावेज को जांच दल के सामने पेश किया गया. जिसमें भौतिक सत्यापन करने पर लगभग 4495.78 क्विंटल धान, अनुमानित कीमत 73 लाख रू. का कम धान होना पाया गया.
इसके बाद मामले जांच दल ने एसडीएम चांपा के माध्यम से कलेक्टर जिला जांजगीर चांपा को रिपोर्ट प्रेषित किया और मामले की शिकायत थाना बाराद्वार में की. जिस पर थाना बाराद्वार के द्वारा धारा 409,34 भा.द.वि. के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना किया गया था. मामले में विवेचना दौरान नारायण गबेल और किशोर सिंह की संलिप्तता पाए जाने पर थाना बाराद्वार द्वारा दोनों को भी आरोपी बनाया गया था. प्रकरण में विवेचना उपरांत आरोपी अशोक सिंह, नारायण गबेल और किशोर सिंह के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया था. मामले में गंगा पटेल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय सक्ती के समक्ष मामले की सुनवाई हुई थी. जिसमें न्यायालय द्वारा आरोपी अशोक सिंह को दोष सिद्ध पाते हुए 3 साल की सजा और 5000 के अर्थदंड से दंडित किया गया है. जबकि अन्य 2 अभियुक्त को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त कर दिया गया है.
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