छत्तीसगढ़

नक्सलवाद को मिटाने समन्वित प्रयास की जरूरत: पटेल

Admin2
19 Dec 2020 6:11 AM GMT
नक्सलवाद को मिटाने समन्वित प्रयास की जरूरत: पटेल
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कोरोना का असर पर्यटन पर, आपदा को अवसर में बदलना होगा

रायपुर (एजेंसी)। एक भारत, श्रेष्ठ भारत अभियान में भाग लेने रायपुर पहुंचे केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा है कि प्रदेश में नक्सलवाद की अवधारणा को तोडऩा होगा। इसके लिए सरकार के साथ सभी को पहल करनी होगी। पर्यटन मंत्रालय और छत्तीसगढ़ एवं गुजरात के पर्यटन विभागों की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पटेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जैसा जंगल है, वैसा देश में कहीं नहीं है। कोरोना संकट ने पर्यटन को तोड़ा है, लेकिन हमें अब आपदा को अवसर में बदलना होगा। गुजरात में समुद्र तट के कारण पर्यटन बढ़ा, तो छत्तीसगढ़ में जंगलों के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने गुजरात और छत्तीसगढ़ को पर्यटन के लिहाज से जोड़ा है। दोनों राज्य अब मिलकर पर्यटन को बढ़ावा देंगे। राम वनगमन पथ को लेकर केंद्र और राज्य में टकराहट के सवाल पर पटेल ने कहा कि मुझे ऐसा नहीं लगता।

पर्यटन मंत्रालय ने राम अवतार शर्मा की 2010 में रिपोर्ट के आधार पर ही केंद्र ने राम वनगमन पथ पर टूरिस्ट सर्किट विकसित करने का फैसला किया है। इस सर्किट में सात राज्य शामिल हैं। हमने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इस संबंध में पत्र भी लिखा है। टएक राज्य की सीमा के भीतर विकास बिना राज्य सरकार की सहमति से नहीं हो सकता। राज्यों के सहयोग से यह काम होगा, भारत सरकार केवल स्क्रिप्ट लिखने का काम करेगी। पटेल ने कहा कि यदि मार्गों को लेकर किसी तरह की तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं, तो उसका एकमात्र हल संवाद ही है।

केंद्र सरकार ने 300 स्थानों की पहचान की है। अगर स्थानों को लेकर राज्यों को आपत्ति है, तो उसे बदल देंगे। पर्यटन के विकास के लिए विवाद से बचना चाहिए। छत्तीसगढञ के सिरपुर की तरीफ करते हुए पटेल ने कहा कि यहां पर्यटन की भरपूर संभावनाएं है। केंद्र सरकार ने देश मे ऐसे गाइड तैयार करने का काम शुरू किया है, जो यूएन की लिस्ट की सभी भाषाओं को जान सकें। होटल, टूर एंड ट्रेवल एजेंसी को भी हम एक प्लेटफार्म पर लाने की कोशिश कर रहे हैं।

अमर्यादित भाषा में बात करेगा तो देंगे जवाब

राम नाम पर कांग्रेस और भाजपा के बीच वाकयुद्ध को लेकर पर्यटन मंत्री पटेल ने कहा कि राम सबके राम है। अयोध्या से चलकर श्रीलंका तक की यात्रा जिसने की, वही एकमात्र राम हैं। मुझे यह नहीं पता किसने क्या कहा है, मुझसे इसका उत्तर नहीं देना चाहिए। लेकिन जब कोई अमर्यादित भाषा में बात कहेगा, तब उसका जवाब देंगे।

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