छत्तीसगढ़ में आदिवासियों पर निरंतर अत्याचार निंदनीय - आप नेता कोमल हुपेंडी
दंतेवाड़ा। प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी जनों पर निरंतर हो रही दमनात्मक कार्यवाही पर रोष व्यक्त किया है। कल नारायणपुर में जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे आदिवासियों पर हुए लाठीचार्ज की आम आदमी पार्टी ने घोर निंदा की है। पार्टी ने जांच हेतु एक प्रतिनिधि मंडल नारायणपुर में पीड़ित आदिवासियों से मिलने तुरंत रवाना कर दिया है उसमें प्रदेश कोषाध्यक्ष जसबीर सिंह,प्रदेश उपाध्यक्ष देवलाल नरेटी,अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष समीर खान,जिला अध्यक्ष नरेंद्र नाग,पूर्व विधायक प्रत्याशी जगमोहन बघेल,यूथ विंग के जिलाध्यक्ष राजू सलाम, राकेश उसेन्डी, सोसल मीडिया टीम लोकेश भारद्वाज आदि शामिल है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने इस घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश में आदिवासियों की मांगों को अनसुना कर उन पर लगातार अत्याचार कर रही है। विगत कुछ वर्षों से से चाहे भाजपा के 15 साल हों या कांग्रेस के 3 साल हमेशा आदिवासियों की मांगों को अनदेखा किया गया । उन्हे या तो नक्सली बताकर या झूठे एनकाउंटर में मारकर और डराकर प्रताड़ित किया जा रहा है जो असहनीय है। नारायणपुर में जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे आदिवासियों पर हुए लाठीचार्ज का आम आदमी पार्टी विरोध करती है। आम आदमी पार्टी अब पूरी तरह आदिवासी भाईयों के साथ है और अंत तक उनके हक की लड़ाई में साथ रहोगी।
पूरे प्रदेश में सीधे सादे आदिवासी भाईयों की मांगों को लेकर कोई सुनवाई नहीं है सिर्फ उनका लगातार दमन से उन्हें तोड़ा जा रहा है।
हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन:
वर्षों से आदिवासी पर्यावरण संरक्षण व जल, जंगल, जमीन बचाने छत्तीसगढ़ के आदिवासी संघर्ष करने सड़कों पर संघर्षरत हैं। पिछले 10 दिनों से लगातार चलते हुए हसदेव अरण्य क्षेत्र को बचाने आदिवासी छत्तीसगढ़ की राजधानी 14 अक्टूबर 2021 के रायपुर पहुंचे थे। उनका आरोप था कि उनकी लड़ाई अवैध तरीके से अडानी द्वारा की जा रही कोयला खनन के खिलाफ है। उनकी मांग है कि उनका क्षेत्र जो कि पांचवी अनुसूचि में पड़ने वाला क्षेत्र में खनन के नाम पर जबरिया जमीन अधिग्रहण, और कोयला खदान संचालन हो रहा है इस पर तुरंत रोक लगे।
हसदेव अरण्य मामले में आदिवासियों ने 2015 में हसदेव अरण्य की 20 ग्राम सभाओं ने खनन के विरोध में प्रस्ताव पारित किया था। 2019 में ग्राम फतेहपुर में 75 दिनों तक धरना प्रदर्शन किया लेकिन राज्य सरकार ने कोई संज्ञान नही लिया था। उनकी लड़ाई अभी भी जारी है।
विदित हो कि उन्होंने अपनी यात्रा वहीं से शुरु की जहां पर वर्ष 2015 में राहुल गांधी ने हसदेव अरण्य के समस्त ग्राम सभाओं के लोगो को संबोधित करते हुए यह वायदा किया था कि उनकी सरकार आने के बाद मूल-निवासियों की जल- जंगल -जमीन का संरंक्षण किया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ इसलिए वे इस संघर्ष में आदिवासियों के साथ है।
सिलगेर मामले:
दक्षिण बस्तर के सिलगेर गांव में एक महीने से आदिवासी धरने पर बैठे हैं लेकिन छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार की ओर से कोई बड़ी पहल होती नहीं दिख रही. मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ताओं ने रायपुर में मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मुलाकात की और मामले में दखल देने की मांग की. राज्य सरकार पहले ही कह चुकी है कि सिलगेर में सड़क और पुलिस कैंप बनाने के अभियान पर वह अडिग है.
पिछली 17 मई 2021 को विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई पुलिस फायरिंग में कम से कम 3 लोग मारे गए और 18 घायल हो गए। बस्तर के इस गांव में ग्रामीण सीआरपीएफ कैंप लगाने का विरोध कर रहे हैं। पुलिस कहती है कि ग्रामीणों की आड़ में नक्सलियों की ओर से की गई फायरिंग का जवाब दिया गया जिसमें ये लोग मारे गए।
कोमल हुपेंडी ने कहा कि ये परिस्थितियां बताती हैं कि दमन और उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हमारी जनता की आशा-आकांक्षाएं, दुःख-दर्द समान है। आम आदमी पार्टी जन संगठनों की मजबूती और आम जनता के हितों के प्रति पूरी तरह जागरूक है।आप पार्टी आम जन के साथ मिलकर साझा संघर्ष ही इस अभिव्यक्ति को और मजबूत कर सकते है। इस अभिव्यक्ति का स्वर जितना तेज होगा, हमारे देश का जनतांत्रिक आंदोलन उतना ही मजबूत होगा। आज आदिवासी विरोधी ताकतें हमारी आधुनिकता, सभ्यता और वैज्ञानिक सोच को कुचलकर एक बर्बर समाज में बदलने की साजिश रच रही हैं।