छत्तीसगढ़

सिंचाई कॉलोनी प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य ठप, आवासीय प्लान में आम लोगों के लिए बढ़ी मुसीबतें

jantaserishta.com
15 July 2021 6:12 PM GMT
सिंचाई कॉलोनी प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य ठप, आवासीय प्लान में आम लोगों के लिए बढ़ी मुसीबतें
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राजधानी के शांति नगर सिंचाई कॉलोनी प्रोजेक्ट को नया रायपुर में ठप निर्माण कार्यों की नजर लग गई है। प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए शंकर नगर स्थित मंत्रियों के बंगलों को तोड़ने की योजना थी। इसके लिए नवा रायपुर में नए सिरे से मंत्रियों के बंगलों का निर्माण भी शुरू कर दिया गया था लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में वहां काम रोकने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में अब नवा रायपुर में नए बंगले तैयार होने तक शंकर नगर के बंगलों को तोड़ा नहीं जा सकेगा। इस वजह से सिंचाई कॉलोनी का पूरा प्रोजेक्ट ही ढंडे बस्ते में चला गया है। और तो और इसके ड्राइंग डिजाइन को भी फिलहाल डंप कर दिया गया है।

पूर्व में बनाई गई डिजाइन के बदले जाने और फिर नई डिजाइन पर जोर देने की खबरों के बीच अधिकारी जल्द काम शुरू करने की बात कह रहे हैं। किंतु नए रायपुर में अटके मंत्री बंगलों की वजह से सिंचाई कॉलोनी में निर्माण प्रभावित होने की खबर है। अफसरों की मानें तो नवा रायपुर में जब तक मंत्री बंगलों का निर्माण शुरू नहीं होगा तब तक सिंचाई कालोनी में काम रोके जाने के निर्देश हैं।
दरअसल यहां पर फेस-4 में कई सीनियर मंत्रियों और विधायकों के साथ अफसरों के बंगले भी शामिल हैं। यह बंगले अभी खाली नहीं हो पाए हैं। ऐसे में लगभग 37 एकड़ के रकबे में 4 फेस के निर्माण के लिए ड्राइंग डिजाइन बनाना मुश्किल हो गया है। हाऊसिंग बोर्ड की ओर से सिर्फ फेस-1 में तोड़फोड़ व जगह खाली कराने का काम हो सका है।
बचे हुए हिस्से में देरी होने की वजह से अब मुश्किलें काफी बढ़ गई है। आवासीय प्लान के तहत कमल विहार योजना में भी दम फूलने लगा है। लगभग 3000 मकान बनाए जाने के बाद भी यहां पर मूलभूत सुविधाओं का विस्तार नहीं हो सका है। ऐसे में यहां भी परेशानी बढ़ गई है। सबसे ज्यादा बिजली और सुरक्षा की समस्या को लेकर निवेश करने वाले परेशान हैं।
स्वतंत्र मकान का प्रस्ताव रद्द
सिंचाई कॉलोनी के बड़े रकबे में आवासीय प्लान के तहत पहले तय किया गया था कि यहां पर मध्यम वर्ग के लिए स्वतंत्र मकान भी बनाए जाएंगे। इस फैसले में अब बदलाव कर दिया गया है। बनाए जा रहे ड्राइंग-डिजाइन में सिर्फ फ्लैट ही शामिल है। जिसके बाद स्वतंत्र मकान के निर्माण का कांसेप्ट पूरी तरह से पिछड़ गया है। बड़े रकबे में कमर्शियल कांप्लेक्स के साथ आवासीय प्लान के तहत में मकान बनाने फैसला हुआ था लेकिन बाद में हाऊसिंग बोर्ड की ओर से इसमें बदलाव कर दिया गया।
कमल विहार में छूट गया मेंटेनेंस
निर्माण एजेंसी बदले जाने के बाद कमल विहार में मेंटेनेंस का काम पूरी तरह से ठप हो गया है। 3000 मकान बनने के बाद लोगों को सीवरेज प्लांट के तहत खोदे गए गड्ढे की वजह से परेशान होना पड़ रहा है। यही नहीं अंडरग्राउंड केबलिंग होने और फिर उसके चिन्हांकित क्षेत्र की जानकारी की वजह से निर्माण करने वालों के लिए दोगुनी परेशानी है। आरडीए की ओर से इसके लिए कोई प्रबंध नहीं है।
सेक्टर में काम पिछड़े
सेक्टर 1 और सेक्टर 11 ऐसे इलाके हैं जहां पर काम पूरी तरह से पिछड़ा हुआ है। पहले निर्माण एजेंसी ने आधा-अधूरा काम किया है अब आरडीए ने भी ध्यान देना बंद कर दिया है। जमीन-मकान खरीदकर बसाहट की उम्मीद करने वालों के लिए बहुत परेशानी है।
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