छत्तीसगढ़

कोर्ट में तैनात आरक्षकों को फिंगरप्रिंट प्रक्रिया की दी गई विशेष ट्रेनिंग

Nilmani Pal
9 Jan 2025 12:23 PM GMT
कोर्ट में तैनात आरक्षकों को फिंगरप्रिंट प्रक्रिया की दी गई विशेष ट्रेनिंग
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रायगढ़। पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के निर्देशन में आज, 9 जनवरी 2025, को जिला अपराध अनुसंधान शाखा (DCRB) द्वारा जिला अभियोजन कार्यालय में कोर्ट कार्य करने वाले आरक्षकों (कोर्ट मोहर्रिर) के लिए फिंगरप्रिंट प्रक्रिया से संबंधित एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य कोर्ट प्रक्रियाओं में फिंगरप्रिंट के उपयोग को सटीक और प्रभावी बनाना था। बिलासपुर रेंज से आए फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ निरीक्षक विद्या जौहर और उनके स्टाफ आरक्षक सुबोध सागर ने फिंगरप्रिंट लेने की बारीकियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। इसके साथ ही जिला नेफिस कार्यालय रायगढ़ के नेफिस यूजर आरक्षक प्रभात प्रधान और आरक्षक भुजबल जांगड़े ने नेफिस पोर्टल पर रिकॉर्ड स्लिप और सर्च स्लिप अपलोड करने की प्रक्रिया को स्पष्ट किया।

प्रशिक्षण के मुख्य बिंदु

1. फिंगरप्रिंट लेने की तकनीक:

o सटीक और साफ फिंगरप्रिंट कैसे लिए जाएं।

o फिंगरप्रिंट रिकॉर्डिंग के दौरान सामान्य त्रुटियों से बचाव।

2. नेफिस पोर्टल का उपयोग:

o रिकॉर्ड स्लिप और सर्च स्लिप अपलोड करने की प्रक्रिया।

o डिजिटल फिंगरप्रिंट प्रबंधन और डेटा सहेजने की तकनीक।

3. कानूनी प्रक्रिया में उपयोग:

o न्यायालयों में फिंगरप्रिंट रिकॉर्ड का महत्व।

o अपराध अनुसंधान में फिंगरप्रिंट का प्रभावी उपयोग।

पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल की पहल पर आयोजित यह कार्यशाला कोर्ट से जुड़े आरक्षकों को न केवल तकनीकी जानकारी देने का माध्यम बनी, बल्कि उन्हें डिजिटल युग की आधुनिक आवश्यकताओं से जोड़ने का प्रयास भी था। इस सफल आयोजन में निरीक्षक विद्या जौहर, आरक्षक सुबोध सागर, आरक्षक प्रभात प्रधान, और आरक्षक भुजबल जांगड़े का विशेष योगदान रहा। उनकी विशेषज्ञता ने कोर्ट मोहर्रिरों को प्रैक्टिकल जानकारी और आत्मविश्वास प्रदान किया। यह कार्यशाला पुलिस और न्याय प्रणाली के बीच समन्वय को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम है। इस तरह की पहल से फिंगरप्रिंट रिकॉर्डिंग और प्रबंधन में सटीकता आने के साथ अपराध अनुसंधान को नई गति मिलेगी।

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