छत्तीसगढ़

कांग्रेस की आज प्रस्तावित टै्रक्टर रैली स्थगित

Admin2
7 Nov 2020 5:51 AM GMT
कांग्रेस की आज प्रस्तावित टै्रक्टर रैली स्थगित
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रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के निर्देशानुसार 7 नवंबर को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली आगामी आदेश तक स्थगित कर दी गई है। यह जानकारी प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने दी है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार के किसान विरोधी पारित काले कृषि कानून और देशभर में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन हो रहे हैं। इसी कड़ी में प्रदेश में 7 नवंबर को ट्रैक्टर रैली प्रस्तावित थी।

बारदाने में कटौती से प्रभावित होगी धान खरीदी : कांग्रेस : केंद्र सरकार की ओर से बारदाने में कटौती किए जाने से प्रदेश में धान खरीदी प्रभावित होगी और इसका सीधा नुकसान प्रदेश के किसानों को होगा। छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में अनुमानित धान उपार्जन के लिए लगभग चार लाख 75 हजार गठान बारदानों की आवश्यकता होगी। इसके लिए लगभग तीन लाख 50 हजार गठान नए बारदानों की व्यवस्था जूट कमिश्नर कोलकाता के माध्यम से और लगभग एक लाख 25 हजार गठान पुराने बारदाने की व्यवस्था मिलर्स एवं पीडीएस बारदाने से कार्ययोजना तैयार की गई थी। भारत सरकार द्वारा नए जूट बारदानों की आपूर्ति में कटौती करते हुए छत्तीसगढ़ के लिए एक लाख 43 हजार गठान नए बारदाने आपूर्ति के लिए नौ अक्टूबर को सूचित किया गया है। भारत सरकार द्वारा नए बारदानों की आपूर्ति में कटौती किए जाने से प्रदेश में धान खरीदी प्रभावित होने की आशंका है।बारदाने में कटौती पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार निरंतर छत्तीसगढ़ के किसानों के धान खरीदी पर व्यवधान उत्पन्न कर रही है। चालू खरीफ वर्ष में राज्य में 20 लाख से अधिक किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की खरीदी करने चार लाख 75 हजार गठान बोरा की आवश्यकता है। यह पहला अवसर नहीं है जब भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों के धान खरीदी पर व्यवधान उत्पन्न किया हो।इसके पहले भी किसानों के धान को 2500 रुपये प्रति क्विंटल के दाम से खरीदी करने पर रोक लगाया गया।

छत्तीसगढ़ से सेंट्रल पूल में चावल लेने की लिमिट कम कर दी थी। किसानों को समर्थन मूल्य से अतिरिक्त राशि देने पर सेंट्रल पूल में चावल नहीं लेने की चेतावनी भी दी थी। अब बोरों में कटौती करके अपने किसान विरोधी कृत्य को ही आगे बढ़ाने का काम किया है।

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