छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: चेंबर चुनाव में कांग्रेस की सियासी दस्तक...

Admin2
27 Oct 2020 6:06 AM GMT
छत्तीसगढ़: चेंबर चुनाव में कांग्रेस की सियासी दस्तक...
x
दावेदारों की अटकी सांस, व्यापारियों में हड़कंप:

कांग्रेस के विभिन्न गुट दो-दो हाथ करने के लिए तैयार

कांग्रेस पार्टी ने शहर की एक बड़ी जगह में संपूर्ण रणनीति बनाई

चेंबर चुनाव संबंधी रणनीति में कांग्रेस पार्टी व्यापारी नेताओं के आधार पर निर्णय ले सकती है।

पहली बार छत्तीसगढ़ चेंबर चुनाव में रायपुर छोड़ प्रदेश के अन्य शहरों पदाधिकारी इस चेंबर चुनाव में पदाधिकारी के रूप में दिखाई देंगे

छग चेंबर चुनाव में पहली बार चुनाव को जंग के तौर पर लड़ा जाएगा। जिसमें धनबल, बाहुबल का जमकर हो सकता है उपयोग

भिलाई -दुर्ग, राजनांदगांव के व्यापारी जोरदार तरीके से चुनावी मैदान में उतरने को तैयार

सुभाष बजाज, अमर गिदवानी, अर्जुनदास वासवानी, अमर परचानी, कन्हैया लाल अग्रवाल जैसे धाकड़ व्यापारी नेताओं ने रणनीति बनाने के लिए बैठक की जिसकी चर्चा पूरे प्रदेश में है। जिससे कांग्रेस खेमे में हलचल मची हुई है

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। छत्तीसगढ़ चेंबर आफ कामर्स का इस बार का चुनाव काफी हाइप्रोफाइल और उथल-पुथल से भरपूर होने वाला है। इस चुनाव में अब तक कारोबारी संगठन ही भाग लेते रहे हैं, जिसमें रायपुर के संगठनों का ही अब तक वर्चस्व रहा है। लेकिन इस बार के चुनाव में फिजां बदल रही है और इसका आकार बड़ा होकर सियासी रुप लेने वाला है। ऐसे में यह चुनाव शांत, छोटा और सहमति पर आधारित होने का बजाय विस्फोटक होने वाला है। आसन्न चुनाव में जहां रायपुर के कारोबारी संगठनों को प्रदेश के दूसरे शहरों के व्यापारिक संगठन चुनौती देने की तैयारी में हैं वहीं चेंबर के समांनांतर संगठन कैट के सदस्यों ने अपना नया पैनल बनाकर चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है। वहीं इस चुनाव में जो सबसे बड़ा बदलाव दिखने वाला है वह है इस चुनाव में सियासी दलों का शामिल होना है। सत्ताधारी दल से जुड़े कुछ कारोबारियों ने बैठक कर चेंबर चुनाव के लिए कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारने पर चर्चा की है। अगर ऐसा हुआ तो चेंबर चुनाव का रंग और उम्मीदवारों के तेवर लोकसभा-विधानसभा के चुनावों की तरह हो जाएगा, जिसमें धनबल-बाहूबल सब कुछ चलेगा।

कैट के बाद दूसरे जिलों के संगठन भी हुए सक्रिय

चेंबर चुनाव में प्रत्यक्ष चुनाव से चुने जाने पदों पर अब तक रायपुर के व्यापारियों का ही वर्चस्व रहा है। भाजपा नेता श्रीचंद सुंदरानी के नेतृत्व वाले व्यापारी एकता पैनल से जुड़े संगठन और कारोबारी सदस्य ही चेंबर के प्रमुख पदों पर निर्वाचित होते रहे हैं। प्रदेश के दूसरे जिलों के संगठनों से जुड़े ज्यादातर कारोबारियों का समर्थन भी एकता पैनल को मिलते रहा है। लेकिन तीन साल पहले एक पूर्व अध्यक्ष के चेंबर के समानांतर व्यापारिक संगठन खड़ा कर लेने से कारोबारी संगठनों का एक बड़ा धड़ा चेंबर से अलग होकर उस नए संस्था से संबद्ध हो गए। अब यह संस्था भी चेबर चुनाव लडऩे के लिए एक नए पैनल के रूप में मैदान में उतर गया है। लेकिन प्रदेश के कुछ बड़े शहरों दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़, जगदलपुर व महासमुंद, धमतरी के व्यापारिक संगठन भी अब चेंबर में अब प्रत्यक्ष चुनाव प्रक्रिया में शामिल होने के कमर कस रहे हैं। इन शहरों के व्यापारी संगठनों का कहना है कि अभी तक हमारे समर्थन से रायपुर के व्यापारी ही चेंबर में निर्वाचित होते आए हैं बाहरी सदस्यों को निर्वाचन पश्चात कार्यकारिणी अथवा अन्य पदो पर मनोनित किया जाता था लेकिन अब वे चुनाव में दावेदारी पेश करना चाहते हैं ताकि चेंबर का प्रतिनिधित्व रायपुर के बाहर के कारोबारियों को भी मिल सके।

कांग्रेस भी हाथ आजमाने के मूड में

इधर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस व्यापारियों के इस संस्था पर भी अपने किसी चेहरे को काबिज कराने की तैयारी में हैं। अभी चेंबर में एक वर्ग विशेष और भाजपा समर्थित व्यापारियों का कब्जा रहा है। कांग्रेस इस हालात को बदलते हुए इस कोशिश में है कि उससे जुड़े कारोबारियों को चेंबर के प्रमुख पदों पर काबिज किया जाए। ताकि इस व्यापारिक संगठन से भी भाजपा की मोनोपल्ली खत्म हो सके। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने जनता से रिश्ता से कहा है कि वे फिलहाल चेंबर चुनाव को लेकर कुछ नहीं कह सकते लेकिन इस पर वरिष्ठ नेताओं और सीएम से चर्चा की जाएगी। सहमति बनी तो चेंबर चुनाव कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार चुनाव में उतारे जाएंगे। इस बीच ऐसी भी खबर है कि एक कारोबारी ने इस संदर्भ में मीटिंग ली है और कांग्रेस से जुड़े कारोबारी नेताओं को चेंबर चुनाव लड़ाने को लेकर चर्चा की है। चर्चा है कि सुभाष बजाज, अमर गिदवानी, अर्जुन दास वासवानी, अमर परचानी, कन्हैया लाल अग्रवाल को चुनाव में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार के रुप उतारने पर चर्चा की गई।

चुनाव से पहले कारोबारियों में हड़कंप

चेंबर के चुनाव को लेकर जिस तरह के हालात बन रहे हैं और चर्चा चल रही है उससे व्यापारियों में हड़कंप है। कई व्यापारी संगठन के अलग-अलग पैनल बनाने से चुनाव दिलचस्प और रोमांचक होने वाला है। चुनाव में कांग्रेस की भागीदारी या भूमिका की बात सामने आने के बाद से कई व्यापारी चुनाव लडऩे का अपना इरादा बदलने लगे हैं। वहीं राजधानी के बाहर के शहरों से भी दावेदारी की बात उठने से चुनाव के बेहद खर्चीला और हाई-प्रोफाइल होने की आशंका को देखते हुए भी चुनाव लडऩे के इच्छुक अब बिदकने लगे हैं। आने वाले दिनों में कांग्रेस और अन्य व्यापारी संगठनों के पत्ते खुलेंगे तो चुनाव को लेकर स्थिति और साफ होगी तब चुनाव की सही तस्वीर सामने आएगी।

Next Story