भानुप्रतापपुर विस उपचुनाव में सावित्री मंडावी की बड़ी जीत
जसेरि रिपोर्टर
कांकेर। छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर उपचुनाव में एक बार फिर कांग्रेस का जादू चला है। आदिवासी आरक्षण को लेकर तमाम विरोध के बावजूद कांग्रेस की उम्मीदवार सावित्री मंडावी ने जीत दर्ज की है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के ब्रह्मानंद नेताम को 21 हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी है। हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की गई है। इस चुनाव में छाप छोड़ी पूर्व ढ्ढक्कस् और सर्व आदिवासी समाज के उम्मीदवार अकबर राम कोर्राम ने। उन्होंने जोरदार टक्कर दी। खास बात यह है कि बाकी चार प्रत्याशियों से ज्यादा वोट नोटा को मिले हैं।
पहले राउंड से ही कांग्रेस प्रत्याशी ने बनाई बढ़त
कांग्रेस उम्मीदवार सावित्री मंडावी पहले राउंड से ही बढ़त बनाए हुए थीं। यह सिलसिला जो शुरू हुआ, वह आखिरी राउंड तक कायम ही रहा। इस चुनाव में सबसे ज्यादा दम सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी अकबर राम कोर्राम ने दिखाया। शुरू से माना जा रहा था कि मुख्य टक्कर भाजपा और कांग्रेस के बीच है, लेकिन अकबर राम कोर्राम ने एक राउंड में ब्रह्मानंद को पछाड़ दिया। हालांकि इसके बाद उन्होंने काफी संघर्ष के बाद बढ़त बनाई। फिर भी अंतर अकबर से कुछ ज्यादा नहीं रहा।
छठवें राउंड के बाद ही कांग्रेस में शुरू हो गया जश्न
भाजपा उम्मीदवार के लगातार पीछे चलने के चलते कार्यकर्ताओं का भी जोश ठंडा हो गया। छठवें राउंड के बाद ही उन्होंने लौटना शुरू कर दिया था। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के खेमे में ढोल और पटाखों के साथ जश्न का माहौल अंगड़ाई ले रहा था। इसका नजारा दिखना शुरू भी हो गया था। आठवें राउंड के समाप्त होने के बाद ही पटाखे चलने लगे। कार्यकर्ताओं के इस जोश में पीसीसी चीफ मरकाम भी शामिल हुए। वहीं आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने डांस करना शुरू कर दिया।
पहली बार कांग्रेस की हैट्रिक
दरअसल, साल 1962 में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट वजूद में आई थी। इसके बाद से 13 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इनमें से कांग्रेस ने छह बार जीत दर्ज की है। हालांकि 1985 से कांग्रेस के साथ भाजपा भी मैदान में हैं। दोनों पार्टी के उम्मीदवारों ने लगातार दो बार तो जीत दर्ज की है, लेकिन हैट्रिक कोई नहीं लगा सका था। कांग्रेस इस रिकार्ड को तोडऩे का दावा किया और तीसरी बार भानुप्रतापपुर सीट अपने नाम कर ली।
प्रत्याशियों से ज्यादा नोटा को मिले वोट
भानुप्रतापपुर उपचुनाव में कुल सात प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें से असल मुकाबला तीन उम्मीदवारों के बीच ही हुआ। बाकी चार उम्मीदवारों से ज्यादा वोट तो नोटा को मिले। जबकि दो प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई।
सावित्री मंडावी ने कहा- लोगों की समस्या दूर करना लक्ष्य
कांग्रेस उम्मीदवार सावित्री मंडावी ने कहा कि जनता ने उन पर भरोसा जताया है। अब उनका एक ही लक्ष्य है कि वह लोगों के बीच जाएं। उनकी समस्याओं को सुनें और उसे दूर करें। साथ ही साथ वह अपने पति के अधूरे कामों और सपनों को भी पूरा करना चाहती हैं। भानुप्रतापपुर को जिला बनाने के सवाल पर कहा कि वह भूपेश बघेल सरकार के हाथ में है, लेकिन यहां के लोगों की बात वह उनके सामने जरूर रखेंगी।
शिक्षिका की नौकरी छोड़ राजनीति के मैदान में उतरीं
भानुप्रतापपुर से कांग्रेस विधायक और विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे दिवंगत मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी एक शिक्षिका रही हैं। वह रायपुर के कटोरा तालाब स्थित एक सरकारी स्कूल में व्याख्याता थीं। चुनाव की घोषणा होने के बाद उन्होंने शिक्षिका के पद से इस्तीफा दे दिया था। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस उन्हें पति की सीट पर उम्मीदवार बनाएगी।
सीएम बोले- सरकार के लिए जनता का विश्वास कायम
कांग्रेस प्रत्याशी की जीत पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, सरकार के लिए जनता का विश्वास कायम है। उन्होंने कहा कि, भाजपा दूसरे और तीसरे स्थान के लिए संघर्ष करती रही। मनोज मंडावी के काम से ये जीत हुई है। उनके कामों के कारण जनता ने उनकी पत्नी पर प्यार लुटाया और भरोसा जताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि, लगातार जितने उपचुनाव हुए हैं कांग्रेस अच्छे वोटों से जीती है। जनता का समर्थन बना हुआ है। इसे बनाकर रखेंगे और उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।
मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि सरकार आदिवासी हित की सरकार है. भाजपा ने हमारे आदिवासियों को लड़ाने की कोशिश की, जिसका नतीजा उनको चुनाव में देखने को मिल गया है. मंत्री लखमा ने कहा, अकबर कोर्राम हमारे आदिवासी भाई हैं. हम कभी लड़ नहीं सकते. मंत्री लखमा ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर कार्यकर्ताओं के साथ खुशी मनाई।
जनादेश का सम्मान : साव
छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने भानुप्रतापपुर उपचुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह कांग्रेस की अनैतिक जीत है। नैतिक तौर पर कांग्रेस हार गई है। कांग्रेस ने चरित्र हत्या और सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर उपचुनाव तो जीत लिया। लेकिन स्पष्ट हो गया कि आदिवासी समाज अब कांग्रेस का साथ छोड़ता जा रहा है। आदिवासी समाज ने कांग्रेस का दावा खोखला साबित कर दिया है। चुनाव में भाजपा और निर्दलीय आदिवासी प्रत्याशी को जितने वोट मिले उतने वोट कांग्रेस प्राप्त नहीं कर पाई। यह स्पष्ट करता है कि कांग्रेस के विकास के दावों में सच्चाई नही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस आदिवासी आरक्षण के नाम पर भ्रमित करने के बाद भी आदिवासी समाज का भरोसा नहीं जीत पाई।
कांग्रेस की चारित्रिक हार तो प्रचार के दौरान ही हो गई थी। भानुप्रतापपुर उपचुनाव के परिणाम बता रहे हैं कि कांग्रेस की नैतिक हार हुई है। यह कांग्रेस की नहीं विशुद्ध सहानुभूति और कांग्रेस के अलोकतांत्रिक हथकंडों की जीत है। कांग्रेस ने प्रशासनिक अनैतिकता से आदिवासियों का हक छीना है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने मतदाताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि कांग्रेस के दुष्प्रचार और सत्ता के दुरुपयोग के बावजूद भाजपा प्रत्याशी को जो जन आशीर्वाद प्राप्त हुआ, वह कांग्रेस की निम्न मानसिकता पर करारा प्रहार है। पिछला चुनाव मनोज मंडावी जितने वोट से जीते थे, 4 साल में कांग्रेस की तथाकथित विकास गाथा के बावजूद अंतर बढऩे के बजाय घट गया है, जो इसका प्रमाण है कि कांग्रेस ने षड्यंत्र करके जनादेश का हरण किया है। कांग्रेस ने काम के नाम पर नहीं, षड्यंत्र, सहानुभूति और सत्ता के दुरुपयोग के दम पर उपचुनाव जीता है।