रायपुर। भारत के सॉलिसिटर जनरल पर सीएम भूपेश बघेल द्वारा की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल पर राजनीति का आरोप लगाने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं संवैधानिक पद पर बैठ कर ऐसे बोलना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री संवैधानिक पद की गरिमा का मान रखें।
प्रदेश भाजपाध्यक्ष साव ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री बघेल को अपनी छवि की इतनी ही चिंता हैं तो छत्तीसगढ़ के बिगड़ते हालात छत्तीसगढ़ के अधिकारियों पर लगातार लगते गंभीर आरोप पर ध्यान दें। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि ईडी की कारवाई में सहयोग करते हुए अधिकारियों के सम्बंध में केंद्र सरकार के पत्र को गंभीरता से लें।
प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार ने लगातार छत्तीसगढ़ के कई अधिकारियों के भ्रष्ट आचरण के संदर्भ में छत्तीसगढ़ सरकार को पूर्व में ही पत्र लिखा था, लेकिन उस पर किसी भी तरह की कारवाई नहीं कर वास्तव में मुख्यमंत्री ने यह संकेत देने की कोशिश की है कि उनका हाथ भ्रष्ट अधिकारियों का साथ है। ऐसे आवश्यक पत्र पर मौन साध लेना, ये रिश्ता क्या कहलाता है आखिर? छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्यवाही हुई गिरफ्तारी हुई अधिकारी रिमांड पर हैं, इसके बावजूद भी नियमानुसार आरोपी अधिकारियों को निलम्बित करने हेतु उपयुक्त पहल नहीं कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जनता की नजर में भी स्वयं संदिग्ध बन रहे हैं। अगर सीएम चाहते तो न केवल उन्हें भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कारवाई करनी चाहिए, बल्कि उन्हें केंद्रीय एजेंसियों की कारवाई का आगे बढ़ कर स्वागत करना चाहिए।
अरुण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल ने विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान की शपथ ली है, लेकिन उनका आचरण इस शपथ के विरुद्ध दिखता है। वे भ्रष्ट अधिकारियों के प्रवक्ता और अधिवक्ता की तरह बर्ताव कर रहे हैं जबकि उन्हें छत्तीसगढ़ की जनता और प्रदेश के खजाने का संरक्षक के बतौर काम कर दोषियों को खुद कानून के हवाले करने आगे आना चाहिए था। ऐसा नहीं कर बघेल जी इस संदेह को जन्म दे रहे हैं कि कि सारा गड़बड़झाला उनकी सहमति या जानकारी में हो रहा था।
साव ने कहा कि अगर ऐसा नहीं है तो सीएम बघेल को ऐसी कोई भी बयानबाजी नहीं करनी चाहिए जिससे अपराधियों को बल मिले, उन्होंने कहा कि सॉलिसिटर जनरल एक संवैधानिक निकाय है, उसके खिलाफ किसी सीएम को राजनैतिक बयानबाजी करना शोभा नहीं देता। अगर ऊपरी अदालत में कुछ आरोप लगे हैं तो उसके पीछे साक्ष्य होगा, ऐसे आरोप निराधार नहीं होते। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने को आतुर सीएम बघेल संवैधानिक पद की गरिमा गिराने से बाज आएं।