जब करोना संक्रमितों की संख्या कम थी बहुत कम थी सैंकड़ों में थी लॉक डाउन किया। लाखों करोड़ों प्रवासी ( मजदूर यात्री छात्र इलाज के लिये बाहर गये हुये मरीज ) महीनों फंसे रहे कर्जदार हो गये. खाने रहने राशन पैसों इलाज हर तरह की कमी झेली। मजदूरों की रोजी रोटी टूटी और अब करोना संक्रमितों की संख्या दो लाख से पार देश में अनलॉक डाउन की घोषणा की है मोदी जी ने करोना से लड़ने के नाम पर थाली बजाना, ताली बजाना, अंधेरा करना, दिया जलाना, बालकनी और छत में जाकर मोबाइल की लाइट जलाना। क्या कुछ नहीं कराया देश वासियों से मजबूर मजदूर सैंकड़ो किमी पैदल चलते रहे. साइकल चलाते, भूखेप्यासे रहते, टैंकरों कंटेनरों ट्रकों में नारकीय परिस्थितियों में दुधमुंहे मासूम बच्चों के साथ परिवार के साथ यात्रा करते। विवशता में 8-10 हजार ₹ परहेड तक किराया भरते, दुर्घटनाओं का शिकार होते रहे. मरते रहे, संक्रमण का शिकार होते रहे.