छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम में हुए भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस नेता ने की FIR की मांग

HARRY
7 Dec 2020 3:27 AM GMT
छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम में हुए भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस नेता ने की FIR की मांग
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फाइल फोटो 

छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम में पिछले सालों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है, कांग्रेस नेता ने की FIR की मांग

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | छत्तीसगढ़/ रायपुर डेस्क: छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम में पिछले सालों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। कांग्रेस नेता विनोद तिवारी की शिकायत पर स्कूल शिक्षा विभाग ने जांच की, तब मामला सामने आया। जांच टीम ने पाया कि पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी और प्रकाशकों ने मिलकर कूटरचित करके कई ठेके दागी फर्मों को दिलवाए हैं। सूचना के अधिकार से प्राप्त प्रमाणित दस्तावेजों के आधार पर सप्रमाण शिकायत कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने वर्ष 2016 में की थी, लेकिन उस समय जांच दबा दी गई थी।

कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने शिकायत पत्र में आरोप लगाया है कि प्रगति टेक्नो एवं रामराजा प्रिंटर्स के संचालक विकास कपूर और उनके परिवार के सदस्यों ने कूटरचित फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी और अन्य के साथ षड्यंत्र पूर्वक पंजीयन कर करोड़ों के ठेके इन दागी फर्मों को देकर शासन को क्षति पहुंचाई है। भाजपा सरकार में इस शिकायत पर जांच नहीं हो पाई थी। इसके बाद कुछ महीने पहले विनोद तिवारी ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डा.आलोक शुक्ला को सप्रमाण 17 बिंदुओं में इसकी शिकायत की। प्रमुख सचिव के आदेश पर हुई जांच रिपोर्ट में जांच समिति ने तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी एवं प्रगति टेक्नो रामराजा के संचालक विकास कपूर एवं अन्य को गंभीर अपराध का दोषी पाया है। समिति ने रिपोर्ट प्रबंध संचालक को सौंप दी है। रिपोर्ट में दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की अनुशंसा की है।
मामले में कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने दोषियों के खिलाफ अपराध दर्ज करने की मांग की है। शिकायत में आरोप है कि तात्कालिक महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी द्वारा भ्रष्टाचार कर टेक्नो प्रगति रामराजा के संचालकों के साथ मिल इन दागी फर्मों को 12 करोड़ का 8000 मैट्रिक टन छपाई का कार्य दिया गया है, जबकि इन फर्जी फर्मों के खिलाफ सप्रमाण शिकायत की गई थी। इन दागी फर्मों को जितना कार्य दिया गया, कुछ जगहों पर वह कार्य भी पूरा न करते हुए साठगांठ कर सिर्फ बिल लगाकर राशि आहरण कर लिया गया है।
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