छत्तीसगढ़

कांग्रेसी आज मना रहे किसान अधिकार दिवस

Nilmani Pal
31 Oct 2020 6:09 AM GMT
कांग्रेसी आज मना रहे किसान अधिकार दिवस
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लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शहादत दिवस 31 अक्टूबर को कांग्रेस, किसान अधिकार दिवस के रूप में मनाने जा रही है।

केंद्रीय कृषि बिल के विरोध में हस्ताक्षर अभियान

रायपुर (जसेरि)। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शहादत दिवस 31 अक्टूबर को कांग्रेस, किसान अधिकार दिवस के रूप में मनाने जा रही है। शहर जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता बंशी कन्नौजे ने कहा कि शहर जिला कांग्रेस कमेटी किसान विरोधी कानून के खिलाफ सत्याग्रह करेगी। सुबह 11:30 बजे घड़ी चौक अंबेडकर मूर्ति के नीचे बैठकर कांग्रेस के नेतागण सत्याग्रह करेंगे।

14 नवंबर को एआईसीसी राष्ट्रपति को सौंपेगी 2 करोड़ हस्ताक्षयुक्त ज्ञापन : कांग्रेस का केन्द्र सरकार की ओर से पारित किसान विरोधी तीन कृषि कानून को वापस लिए जाने की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान जारी है। अभियान के तहत ज्ञापन को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से 14 नवंबर को 2 करोड़ किसान व खेत-मजदूरों के हस्ताक्षरयुक्त विशाल ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा। यह जानकारी प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने दी है। उन्होंने यह जानकारी भी दी है कि लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री प्रियदर्शनीय इंदिरा गांधी के शहादत दिवस 31 अक्टूबर को किसान अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाएगा। प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक किसान-मजदूर विरोधी कानून के विरोध में सत्याग्रह का आयोजन किया जाएगा।

एक नवंबर से भाजपा का सत्याग्रह : इधर भाजपा इन कानूनों के समर्थन में किसानों से चर्चा करने गांवों में पहुंच रही है। भाजपा ने पिछले दिनों राजधानी के पास नरदहा गांव में किसान बईठका का आयोजन किया। आरंग विधानसभा स्तरीय बैठक में पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने कृषि कानूनों पर बात की। कहा, किसान अब स्वतंत्र है। वह अपनी उपज को देश मे कहीं भी बेच सकेगा। समर्थन मूल्य और मंडी व्यवस्था पहले की तरह रहेगी। साहू ने कांग्रेस पर कानूनों के खिलाफ भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, राज्य सरकार आज भी विपक्ष की भूमिका के मोड में है। यही हाल रहा तो जनता तीन साल बाद फिर से इन्हें विपक्ष मे बैठा देगी। भाजपा ने एक नवम्बर को खेत सत्याग्रह करने जा रही है। इसमें धान खरीदी शुरू करने सहित 9 मांगों को लेकर पार्टी नेता धरने पर बैठेंगे।

किसान संगठनों की अपनी तैयारी : इधर छत्तीसगढ़ के किसान संगठनों की अपनी तैयारी है. छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ किसानों के बीच प्रचार कर केंद्रीय कानूनों का विरोध कर रहा है. भारतीय किसान संघ सांसदों को ज्ञापन सौंपकर कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने की मांग कर रहा है. किसान आंदोलनों की समन्वय समिति ने 5 नवम्बर को देशभर में चक्काजाम की घोषणा की है. छत्तीसगढ़ के भी कुछ किसान संगठन उसके समर्थन में हैं।

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