आरक्षण पर कांग्रेस सरकार का नया गोलमाल थ्री रिलीज - भाजपा
भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक तथा सह संयोजकों ने संयुक्त बयान में कहा है कि आरक्षण पर हाइकोर्ट के फैसले से कटौती के बाद कांग्रेस सरकार नकारा साबित हुई है। वह भाजपा सरकार द्वारा दिये गए और अपने कार्यकाल तक सुरक्षित रखे 32 फीसदी आरक्षण का बचाव नहीं कर सकी, बल्कि सुनियोजित तरीके से आदिवासी आरक्षण में कटौती करवा दी, जिससे आदिवासी समाज व्यथित और आक्रोशित है। जिससे निबटने के लिए सरकार ने नए सिरे से धोखेबाजी का तरीका निकालते हुए प्रस्ताव पारित किया गया है कि आदिवासी वर्ग को 32, ओबीसी वर्ग को 27, एससी वर्ग को 13 व सामान्य वर्ग के गरीबों को 4 फीसदी आरक्षण देने की बात कही गई है। कुल 76 प्रतिशत आरक्षण कैसे संभव है। यह संभव नहीं है, यह हकीकत सभी समझ रहे हैं।
भाजपा विधि प्रकोष्ठ ने कहा कि 32 फीसदी आदिवासी आरक्षण में कटौती के विरुद्ध कांग्रेस सरकार सुप्रीम कोर्ट से स्थगन नहीं ला पाई। इस सरकार ने 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के विरुद्ध स्थगन लाने वाले को राज्यमंत्री के ओहदे से पुरस्कृत किया। जबकि उसे इस स्थगन के विरुद्ध ऊपर की अदालत में गंभीर प्रयास करने चाहिए थे। कांग्रेस सरकार ने आदिवासी आरक्षण कम करवाने वाले को भी उपकृत किया। यह सरकार आरक्षित वर्ग के साथ छल करती रही है।
विधि प्रकोष्ठ से वरिष्ठ वकीलों ने कहा यह पहली बार नहीं है जब आरक्षण पर कांग्रेस धोखेबाजी का प्रयास कर रही है जनता अब उनके झांसे में नहीं आएगी सभी यह समझ चुके हैं कि कांग्रेस आरक्षण विरोधी है।