छत्तीसगढ़

चार पीढिय़ों से कांग्रेस की सेवा करने वाले कांग्रेसी परिवार अभी भी मौजूद

Nilmani Pal
14 Feb 2022 6:02 AM GMT
चार पीढिय़ों से कांग्रेस की सेवा करने वाले कांग्रेसी परिवार अभी भी मौजूद
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  1. वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद मिश्रा ने उपलब्ध किया पत्र
  2. परपोते भी परदादा के नक्शे कदम में चलकर कांग्रेस को कर रहे निस्वार्थ भाव से मजबूत

रायपुर.कांग्रेस में चार पीढियों से कांग्रेस की सेवा करने वाले परिवार को सरकार बनने के बाद भी कोई सुध नहीं ले रहा है। जो अपने परदादा के नक्शे कदम पर चलकर उनके परपोते कांग्रेस की सेवा में जी-जान से जुटे हुए है। वहीं कांग्रेस में नए नवेले शामिल होने वाले तथा जूनियर रहे नेता बड़े-बड़े ओहदे धारी हो गए है। आनंद मिश्र के परदादा स्व बेचेलाल मिश्र के परिवार वालों ने कभी आगे होकर किसी पद की मांग नहीं की, आनंद मिश्र पूरी निष्ठा से कांग्रेस की सेवा करते हुए कांग्रेस को मजबूत बनाने में लगातार कार्य कर रहे है। यह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार है जो कांग्रेस की अनवरत सेवा करता रहेगा। मूल कांग्रेसियों को तवज्जो नहीं देने को लेकर कांग्रेस संगठन और पैराशूटिए में हंगामा मचा हुआ है। जिलाध्यक्षों की शिकायत पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने ऐसे सभी पदाधिकारियों को पदमुक्त करने का निर्देश दिए हैं जो दूसरे दलों से आए थे। मोर्चा-प्रकोष्ठों में ऐसे बहुत से नेता निशाने पर बताए जा रहे हैं। नाराज मूल कांग्रेसियों का कहना था कि हम लोग 15 सालों के संघर्ष में करते रहे है। सत्ता मिलते ही दूसरे दलों से आए लोग संगठन में पदाधिकारी बना दिए गए। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, दूसरे दलों से आए लोगों का संगठन में पूरा सम्मान है, लेकिन उनको पदाधिकारी नहीं बनाना है।

अगर लोग मोर्चा-प्रकोष्ठों में पदाधिकारी बन गए हैं तो उन्हें पदमुक्त किया जाए। वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद मिश्रा ने सौ साल पुराना पत्र जनता से रिश्ता को उपलब्ध कराया है जिसमें उनके परदादा घुरसेना के मालगुजार स्व.पंडित बेचेलाल जी को जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग (सीपीबरार) ने लिखा था, जिसमें जिला कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन मंत्री रत्नाकर झा ने 24 फरवरी 1923 को स्व. पंडित बेचेलालजी को बैठक में आने के लिए निवेदन किया था। उल्लेखनीय है कि 1939 में रायपुर, भाटापारा और घुरसेना में कांग्रेस भवन बनाने में पंडित बेचेलाल मिश्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। पंडित बेचेलाल मिश्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थेे, उनके परपोते आनंद मिश्र अपने परदादा के नक्शे कदम पर चलते हुए कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। संगठन में आनंद मिश्र की युवाओं में मजबूत पकड़ को देखते हुए मध्यप्रदेश तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष ने आनंद मिश्र को एनएसयूआई का शहर भाटापारा का अध्यक्ष बनाया गया। 1992 में जिला युवक कांग्रेस के महासचिव, तत्कालीन प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष स्व. देवव्रत सिंह के साथ युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रहे।

फिर प्रदेश कांग्रेस के समन्वयक के रूप में काम किया। 2016 में पीसीसी के प्रवक्ता बनने के साथ भाटापारा प्रेसक्लब के सचिव भी रहते हुए कांग्रेस की मीडिया को समृद्ध किया। कांग्रेस के बड़े नेताओं से लेकर स्थानीय स्तर के सभी नेताओं की खबरों को सभी अखबारों में प्रकाशित कराने में विशेष भूमिका निभाते रहे है। आनंद मिश्र कांग्रेस के ऐसे सिपाही है जो हर मोर्चे पर कंग्रेस के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हुए एनएसयूआई, युवा कांग्रेस, प्रदेश कांग्रेस को मजबूत करने में तन-मन-धन से सेवाएं देते हुए कांग्रेस को मजबूत बनाए रखने अपने परदादा स्व.पं. बेचेलाल मिश्र की तरह भूमिका निभा रहे है। आनंद मिस्र अपने दादा का संस्मरण के याद करते हुए बताते है कि मेरे परदादा स्व. बेचेलाल मिश्र सीपी बरार के कार्यकाल से लेकर मध्यप्रदेश के गठन तक कांगे्रसी नेताओं को साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते रहे। वे सीपी बरार से विभाजित होकर मध्यप्रदेश के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाई । वे मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल के बहुत करीबी माने जाते थे। महत्वपूर्ण बैठकों और फैसले में पंडित रविशंकर शुक्ल हमेशा स्व. बेचेलाल मिस्र को अपने साथ रखते थे और उनकी सलाह मानते भी थे। आनंद मिश्र वर्तमान में आल इंडिया पोलिंग बूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं।

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