बेमेतरा। जिला अस्पताल में भर्ती एक प्रसूता के शरीर में खून की कमी हो गई थी। डिलीवरी के बाद से वह गंभीर थी। अस्पताल के ब्लड बैंक में भी उसके ग्रुप का ब्लड नहीं था। परिजन ढूंढ-ढूंढकर हार चुके थे। तभी अस्पताल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कम्प्यूटर ऑपरेटर जितेन्द्र वर्मा ने अपना खून देकर प्रसूता की जान बचाई।
मामला जिला अस्पताल बेमेतरा का है। 5 दिन पहले गर्भवती मोतिम वर्मा को उसके परिजन अस्पताल लेकर आए। उसका एचबी कम था और तत्काल बी- पॉजिटिव ब्लड की जरूरत थी। लेकिन ब्लड बैंक में इस ग्रुप का ब्लड ही नहीं था। ऐसे में परेशान परिजन ने 3 दिन तक ढूंढते हुए किसी तरह एक यूनिट ब्लड की व्यवस्था की। तब कहीं जाकर उसकी डिलीवरी हुई। लेकिन डिलीवरी के बाद फिर खून की कमी से तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी। तभी जिला अस्पताल में एनएचएम के कम्प्यूटर ऑपरेटर जितेन्द्र वर्मा ने उनकी बात सुनी और तुरंत एक यूनिट ब्लड डोनेट कर महिला की जान बचा ली।