सीएम से की नमक नहीं मिलने की शिकायत, अधिकारी ने तुरंत क्लियर किया ये मामला
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजनांदगांव स्थित रेस्ट हाउस में अधिकारियों की समीक्षा बैठक ले रहे हैं। उनके साथ बैठक में संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत उपस्थित। मुख्यमंत्री बघेल ने अधिकारियों से धान खरीदी की स्थिति जानी, उन्होंने बारदाने और भुगतान के संदर्भ में जानकारी पूछी- अधिकारियों ने बताया कि बारदाने का पर्याप्त प्रबंध है और भुगतान भी 48 घंटे के भीतर हुआ है।
मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के बारे में कहा कि एक 80 साल के बुजुर्ग ने मुझे बताया कि उसे लाभ हुआ है।उसके चेहरे में जो संतोष था मुझे राहत मिली। देखिए ये कितनी महत्वपूर्ण योजना है। इसके लाभ का दायरा बढ़ना चाहिए। लोगों तक इसका लाभ मिले, यह सुनिश्चित करें। जितना ध्यान देंगे, उतनी ही बेहतर स्थिति होगी।
तेंदूपत्ता संग्राहकों को हुए भुगतान के विषय में भी उन्होंने पूछा- चिल्हाटी में जो प्रकरण आये थे, उस पर डीएफओ ने विस्तार से जानकारी दी। सुरगी में आए नमक के मामले पर मुख्यमंत्री ने पूछा -अधिकारी ने बताया कि 15 मिनट ट्रेस करने में लगा, उनका बेटा नमक ले जा चुका था। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी बातों को तुरंत क्लियर करें ताकि जनता को वस्तुस्थिति की जानकारी मिल पाए और भ्रम न रहे।
मुख्यमंत्री ने सुरगी में सड़कों की स्थिति के बारे में उन्होंने पूछा- सड़क कब बनी, संधारण कब हुआ था, विस्तार से पूछा- इस पर पीडब्लूडी के अधिकारियों से कहा कि ग्रामीण सड़क बढ़िया होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्य है।
मुख्यमंत्री ने जाति प्रमाण पत्र के बारे में पूछा- अधिकारी ने इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि 15 प्रतिशत लक्ष्य बचा है। इसे मिशन मोड में पूरा कर रहे हैं। एक केमिकल फैक्ट्री से हो रहे नुकसान की शिकायत कल सुकुलदैहान में आई। मुख्यमंत्री ने इस बारे में वस्तुस्थिति पूछी-मुख्यमंत्री ने कहा कि एग्रीमेंट देख लें और यह देखें कि धान फसल जब लगी हो ऐसा न करें। वायलेशन पर कार्रवाई के निर्देश। शहरी स्वास्थ्य मिशन के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने एवरेज पूछा- अधिकारी ने बताया कि एवरेज फुट फॉल 88 है जो प्रदेश में तीसरे स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने नगरीय निकाय के बारे में जानकारी ली और कहा स्ट्रीट लाइट भी बढ़िया होनी चाहिए। सुधार की स्थिति की निरंतर मॉनिटरिंग करें। अधिकारियों से पूछा गया-विद्युत विभाग में एक प्रकरण आया जिसमें मुआवजा माँगा गया। दुर्घटना हुई और मुआवजा नहीं मिल पाया। अधिकारी ने बताया कि उत्तराधिकार प्रमाण पत्र नहीं दिया गया था। अब न्यायालय के विचाराधीन है। सचिव ने कहा कि इस तरह के मामले जिसमें अपंगता हुई है। उसकी रिपोर्ट दीजिये। इस संबंध में समीक्षा की जाएगी।