सारंगढ़ बिलाईगढ़। ग्रीष्म ऋतु के मौसम में तापमान में वृद्धि के चलते भीषण गर्मी पड़ने तथा नागरिकों को लू लगने की संभावना है, जिससे आम जन जीवन व स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। जिसे देखते हुए सीएमएचओ डॉक्टर अवधेश पाणिग्राही ने जिले वासियों से आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय करने की अपील की है।
सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में लगातार मौसम परिवर्तन के बाद अब तेज धूप एवं गर्मी प्रारंभ हो गया है जिसके कारण लू लगने की संभावना बढ़ गई है। सूर्य की तेज गर्मी के दुष्प्रभाव से शरीर के तापमान में विपरीत प्रभाव पड़ता है। जिसके कारण शरीर का तापमान अनियंत्रित होकर अत्यधिक बढ़ जाता है, जिससे शरीर में पानी और खनिज लवण नमक की कमी हो जाती है, इस स्थिति को लू लगना या हीट-स्ट्रोक कहा जाता है। वर्तमान में वनांचल ग्रामीण क्षेत्रों में लोग जंगलों में जाकर महुआ संकलन का कार्य कर रहे हैं। लोग अपने साथ पर्याप्त मात्रा में पानी एवं पेय पदार्थ लेकर नहीं लेते इस कारण निर्जलीकरण के शिकार भी हो जाते हैं। जिससे समय पर उपचार न मिलने के कारण मरीज की हालात गंभीर हो जाती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अवधेश पाणिग्राही ने बताया कि जिला अस्पताल सहित समस्त सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों के संस्था प्रभारियों को लू से बचाव एवं उपचार हेतु पर्याप्त मात्रा में आवश्यक जीवन रक्षक दवाईयां एवं ओ. आर. एस. की उपलब्धता सुनिश्चित कर मरीजों का उपचार करने को कहा गया है और मैदानी स्वास्थ्य अमलों और मितानिनों के माध्यम से लू लगने के लक्षण के कारण और बचाव के उपायों के संबंध में स्वास्थ्य जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अगर ओ.आर.एस. न हो तो घर पर ही एक गिलास पानी में एक चम्मच शक्कर व एक चुटकी नमक मिलाकर जीवन रक्षक घोल तैयार किया जा सकता है। गांव में मितानिनों या डिपो होल्डर के पास ओ.आर.एस. और दवाईयां लेकर प्राथमिक उपचार के पश्चात निकट के स्वास्थ्य केन्द्र या चिकित्सक के पास जाकर मरीज को भर्ती कर उपचार कराना चाहिए। लू लगना या हीट-स्ट्रोक, खतरनाक एवं जानलेवा भी हो सकता है।