छत्तीसगढ़

भूपेश सरकार में सबकी बेहतरी का सराहनीय प्रयासः मोहम्मद असलम

Admin2
16 Dec 2020 8:55 AM GMT
भूपेश सरकार में सबकी बेहतरी का सराहनीय प्रयासः मोहम्मद असलम
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रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में अपने दो साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने जनता की अपेक्षाओं में खरा उतरकर एक जिम्मेदार और संवेदनशील सरकार होने का परिचय दिया है। मुख्यमंत्री ने सेवाभाव और गंभीरतापूर्वक अपने निर्णयों और योजनाओं से लोकहित, जन सुविधा और विकास को गति देने का काम किया है। दो वर्ष के शुरुआती कार्यकाल में ही उन्होंने अपने ज्यादा चुनावी वादों को भी धरातल पर उतार कर दायित्व निर्वहन और प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित किया है। भूपेश सरकार लोगों के हित में निर्णय लेकर राज्य में समाज के कमजोर लोगों, आदिवासियों, किसानों, श्रमिकों के कल्याण तथा उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने का लगातार प्रयास कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कांग्रेस सरकार के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर जारी बयान में कहा कि भूपेश बघेल ने 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही किसानों से 2500 रू. प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी के अपने वायदे को पूरा किया। वर्षों से लंबित 17 लाख 82 हजार किसानों का 8 हजार 755 करोड़ रू. का कृषि ऋण और 244 करोड़ रू. का सिंचाई कर माफ किया। ग्राम सुराजी योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा, बारी के माध्यम से गांवों की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण को नया जीवन देने की पहल की। बस्तर के लोहंडीगुड़ा में 1700 से अधिक आदिवासी किसानों की 4200 एकड़ जमीन लौटाया गया। तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 2500 रू. प्रति मानक बोरा से बढ़ा कर 4000 रू. प्रति मानक बोरा किया गया। राजीव गांधी जी के शहादत दिवस पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू कर किसानों के खातों में 1500 करोड़ रूपए अंतरित किए जा रहे हैं जिसकी चौथी किश्त मार्च 2021 तक अंतरित करने की भी घोषणा की गई है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य में 19 लाख से अधिक किसानों को संबल मिला है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरदर्शी सोच से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने नरवा, गरवा, घुरवा, बारी का जो उन्होंने खाका बुना था अब वह धरातल पर सफलतापूर्वक साकार होता दिखाई देने लगा है। प्रदेश में 5600 गौठान स्वीकृत होने के साथ 5454 पूर्ण हो चुके हैं। इन गौठानों में रोजगार के अवसर तो बने ही, साथ ही यहां तैयार जैविक खाद और इसकी उपयोगिता ने गोबर की महत्ता को भी बढ़ाया है। देश में एक अलग तरह की योजना गोधन न्याय योजना की शुरूआत भी इन्हीं उपयोगिताओं और महत्व का परिणाम है। किसानों से 2 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदकर छत्तीसगढ़ सरकार ने एक नये अध्याय की शुरूआत की है। गोधन न्याय योजना ने देश भर में प्रशंसा बटोरी है। इस योजना में गोबर बेचने वाले किसानों, पशुपालकों एवं ग्रामीणों को अब तक 39 करोड़ रूपए का भुगतान भी ऑनलाइन किया जा चुका है। निश्चित ही इन प्रयासों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था संवरने के साथ पर्यावरण संतुलन को बेहतर बनाने में मदद मिली है। कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन के दौरान भी प्रदेश के मुख्यमंत्री गरीबों के मसीहा बने। उन्होंने इस संकटकाल में राशन कार्डधारियों सहित प्रवासी मजदूर परिवारों के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था कराई। जरूरतमंदों को निःशुल्क खाद्यान्न देने के साथ आंगनबाड़ी, स्कूल से जुड़े बच्चों को सूखा अनाज घर-घर तक देने का काम किया। मनरेगा के तहत काम और समय पर मजदूरी भुगतान, लघु वनोपज संग्रहण के लिए पारिश्रमिक देने में भी छत्तीसगढ़ अव्वल रहा है।

छत्तीसगढ़ की एक तिहाई जनसंख्या अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों की है। सरकार द्वारा इन वर्गों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी को वन अधिकार मान्यता पत्र देकर आदिवासियों के सांस्कृति एवं पारम्परिक विरासतों को सहेजने और पर्यावरण संतुलन को स्थापित रखने में भी कदम उठाया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य सबसे अधिक वन अधिकार पत्र देने वाला राज्य भी बन गया है। प्रदेश में 12.50 लाख वन क्षेत्र के निवासी है, जो तेंदूपत्ता संग्रहण करते हैं। ऐसे संग्राहकों के लिए शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना लागू कर सुरक्षा लागू की गई है। हाट-बाजार क्लीनिक और शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के साथ दाई-दीदी क्लीनिक के माध्यम से लोगों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा पहुंचाई जा रही है। दिल्ली की मोहल्ला क्लीनिक तर्ज पर राज्य के शहरी क्षेत्रों के मोहल्लों एवं वार्डों में सहज रूप से स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से इंदिरा डायग्नोस्टिक सेंटर और नागरिक सेवाओं की घर पहुंच सेवा जैसे कार्यों के लिए नई योजनाएं प्रारंभ की जा रही है। राज्य के बड़े शहरों में लोगों की भागम-भाग जीवन शैली को देखते हुए उनके आम समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय प्रारंभ किए गए हैं। इन कार्यालयों के माध्यम से साफ-सफाई, निर्माण कार्य, स्ट्रीट लाइट, स्वच्छ पेयजल आदि समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। अब तक 14 नगर निगमों में 101 मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय संचालित किए जा रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में परंपरागत रूप से विभिन्न सेवाएं देने वाले लोग वर्षों से उपेक्षित रहे हैं। उन्हें भी राहत दी गई है। उनके जीवन यापन को सरल बनाने के लिए पौनी पसारी योजना में उनके व्यवसाय के लिए चबूतरा बनाए गए हैं। योजना में 79 नगरीय निकायों में 31 करोड़ 37 लाख रूपए की लागत से 122 बाजारों का निर्माण किया जा रहा है। शहरों में मवेशी के कारण होने वाली दुर्घटना को रोकने के लिए नगरों में भी गौठान बनाए जा रहे हैं और गोधन न्याय योजना में मवेशियों के गोबर क्रय करने की व्यवस्था की गई है। इसे मिशन क्लीन सिटी कार्यक्रम से भी जोड़ दिया गया है। इस योजना के तहत एसएलआरएम सेंटर का उन्नयन करते हुए 377 गोधन न्याय सह गोबर खरीदी केंद्र घोषित किया गया है। घर-घर कचरा संग्रहण और इन कचरो का उपयोग खाद बनाने में किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ ओडीएफ प्लस-प्लस के रूप में देश में पहले स्थान बना पाने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की हैं।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा कि शहरी गरीब परिवारों को भी नई सरकार द्वारा उनके काबिज भूमि का पट्टा तथा वर्षों से मिले पट्टों को फ्रीहोल्ड कर मालिकाना हक दिया जा रहा है। नए मालिकाना हक में एक नवंबर 2018 के पहले काबिज शहरी गरीबों को 30 साल का पट्टा दिया जा रहा है इससे गरीब परिवारों की खुशहाली का माहौल है। इन परिवारों को 600 सौ से एक हजार वर्गफीट का मालिकाना हक मिल रहा है। पट्टाधारी के पट्टे के मूल क्षेत्रफल से 50 प्रतिशत अधिक क्षेत्रफल तक काबिज भूमि का नियमितीकरण भी किया जा रहा है। शहरी गरीब और मजदूरों के लिए उनके चौखट पर ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए नए कलेवर में मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना संचालित की जा रही है। प्रथम चरण में सभी 14 नगर निगमों में 70 मोबाइल मेडिकल यूनिट एंबुलेंस के जरिए डॉक्टर का दल अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है। इस योजना में आम नागरिकों को मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा मेडिकल कैंप के माध्यम से मुफ्त में परामर्श, उपचार, दवाइयां एवं दिनोंदिन होने वाले टेस्ट की सुविधा प्रदान की जा रही है। दो वर्ष के अल्प कार्यकाल में छत्तीसगढ़ सरकार का समाज के सभी वर्गों के कल्याण एवं गांवों में खुशहाली लाने और लोगों को स्वावलंबी बनाने का प्रयास सराहनीय है।

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