छत्तीसगढ़

कलेक्टर का आदेश: बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया का करें पालन, अन्यथा हो सकती है सजा

Admin2
3 Aug 2021 9:17 AM GMT
कलेक्टर का आदेश: बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया का करें पालन, अन्यथा हो सकती है सजा
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फाइल फोटो 
छत्तीसगढ़

आज-कल सोशल मिडिया में कई प्रकार के भ्रामक दुष्प्रचार आ रहे है। जिसमें बच्चे गोद लेने से संबंधित सूचनाएं आ रही है और कोरोना से मृत परिवार के बच्चों को गोद लेने हेतु लिखा जा रहा है। ऐसे दुष्प्रचार से बचना है। विहित प्रक्रियाओं का पालन किये बिना दत्तक ग्रहण लेना और देना दोनों किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 80 के अनुसार अपराध है। धारा 80 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति या संगठन किसी अनाथ, परित्यक्त या अभ्यर्पित बालक को इस अधिनियम में यथा उपबंधित उपबंधो या प्रक्रियाओं का अनुसारण किए बिना दत्तक ग्रहण करने के प्रयोजन के लिए प्रस्थापना करता है, उसे देता है या लेता है तो ऐसा व्यक्ति या संगठन को तीन वर्ष तक के कारावास या एक लाख रुपये जुर्माने या दोनों से दण्डित हो सकता है।

दत्तक ग्रहण या गोद लेना किशोर न्याय (बालकों की देखरेख संरक्षण) अधिनियम 2015 के अन्तर्गत जिन माता पिता को दत्तक ग्रहण में बालक की आवश्यकता है वे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की बेवसाईड ूूूण्बंतंण्दपबण्पद पर लॉग इन कर ''केयरिंग'' में निःशुल्क ऑनलाईन पंजीयन करा सकते हैं। ऑनलाईन पंजीयन के माध्यम से ही और उसके गाईडलाईन के अनुसार ही दत्तक ग्रहण (गोद) लेने की प्रक्रिया सही है इसके अतिरिक्त किसी भी प्रकार से बच्चा गोद लेना और देना दोनों असंवैधानिक एवं अपराध है।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने जिले के समस्त लोगों जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि कभी भी आप इसके अतिरिक्त अन्य माध्यम से बच्चा गोद ना लें और आपके संज्ञान में यदि कोई गोद ले रहा है या दे रहा है तो उसे उपरोक्त प्रक्रिया की जानकारी दें। कोविड-19 के समय में भी इस प्रकार के विज्ञापन एवं अन्य माध्यम से बच्चा लेने देेने की बात कोई करे तो उसकी शिकायत कोई भी नजदीकी परियोजना कार्यालय, जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय (संयुक्त जिला कार्यालय) सूरजपुर, जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय (पुराना कलेक्टर प्रथम तल) में कर सकते है।

किसी को भी दत्तक ग्रहण में बच्चा लेना है या अपने अनचाहे बच्चे को अपने पास नहीं रखना चाहता है तो उक्त कार्यालय में सूचित कर सकता है या जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला चिकित्सालय, सखी वन स्टाप सेंटर, अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय सूरजपुर में स्थापित पालना केन्द्र में भी अपना बच्चा डाल सकता है। बच्चे को कही ना दे और ना ही फेंके हर बच्चा अनमोल है।

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