कलेक्टर का निर्देश, डेंगू प्रभावित इलाकों में विशेष अभियान चलाकर करें नियंत्रण
बैठक में कलेक्टर ने शहर के सर्वाधिक दस डेंगू प्रभावित वार्डों की समीक्षा किए। उन्होंने सर्वाधिक प्रभावित आठ वार्डों में डेंगू की सोर्स की जांच करने, लार्वा मारने और फॉगिंग करने वालों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। साथ ही स्वयंसेवकों और मोहल्ले के जागरूक निवासियों को जोड़कर रोग नियंत्रण में सहयोग करने के लिए प्रेरित करने कहा। इसके अलावा एनसीसी के कैडेड और अन्य विभागों के मैदानी अमलों को इस कार्य में जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने कीचड़-दलदल नुमा स्थलों पर ब्लिचिंग पाउडर या चूना का छिड़काव करने का निर्देश दिए।
बैठक में कलेक्टर ने मेडिकल दुकानों संचालकों को बिना डॉक्टर की पर्ची के दर्द निवारक दवाईयों का विक्रय नहीं करने हेतु निर्देशित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने जिला अस्पताल में सेम्पल लेने का समय और टेस्टिंग की सुविधाओं की जानकारी हेतु सूचना प्रदर्शित करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए। सिविल सर्जन ने जिला अस्पताल में सुबह 9 से 12 और शाम 4 से 6 बजे तक तथा एमएमयू के द्वारा सुबह 9 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक स्वास्थ्य जांच की सुविधा की जानकारी दी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू टेस्ट की स्थिति की भी समीक्षा की और स्वास्थ्य जांच हेतु टेस्टिंग सुविधाओं में वृद्धि करने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके चतुर्वेदी ने डेंगू वायरस के कारण लक्षण, संक्रमण से खतरे का चिंहांकन और नियंत्रण के संबंध में जानकारी दी। कलेक्टर ने मरीजों में प्लेटलेटस की आवश्यकता पर चर्चा कर इसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के दलों द्वारा घर-घर जाकर मरीजों की जांच करने पर जोर दिया।