कलेक्टर का निर्देश: स्वीकृत कार्य एक माह में अनिवार्यता पूरा करें, वरना होगी आरईएस के सब इंजिनियरों पर कड़ी कार्रवाई
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने सख्त निर्देश दिए कि स्वास्थ्य केंद्रो में दो से तीन लाख रूपये की मरम्मत कार्यों को जल्द पूरा करें। साथ ही गत वर्ष स्वीकृत स्वास्थ्य सेवाएं मद के सभी कार्यों को एक माह के भीतर पूरा करें, अन्यथा संबंधित सब इंजीनियर पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने साथ ही राम वन गमन पथ के तहत भोयना, नगरी और नवागांव (मगरलोड) में बनाए जा रहे स्वागत द्वार के काम को भी एक माह में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। नवीन तहसील भवन निर्माण की समीक्षा के दौरान बताया गया कि भखारा में तहसील भवन के लिए 71.12 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। फिलहाल स्लैब सेंटरिंग कार्य प्रगति पर है। कलेक्टर ने इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
लोक निर्माण विभाग अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर श्री एल्मा ने वर्ष 2022-23 के बजट में शामिल भवन कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली और उन्हें जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। वहीं सीजीआरआईडीसीएल योजनान्तर्गत शामिल सड़क और पुल कार्यों की समीक्षा के दौरान कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग ने बताया कि योजना के तहत 82.20 किलोमीटर लंबी कुल आठ सड़कें ली गई हैं, जिसकी कुल लागत 13877.84 लाख रूपये है। इनमें से सात कार्य प्रगति पर तथा एक कार्य वन व्यपवर्तन के तहत प्रक्रियाधीन है। इसी तरह जमा मद में 60 लाख रूपये की लागत से धमतरी में नवीन आबकारी नियंत्रण कक्ष निर्माण का कार्य जारी है, जिसमें स्लैब लेवल का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा 2022-23 के बजट में पांच सड़क और पुल के कार्यों को लिया गया है, जिसकी कुल लंबाई 30.33 किलोमीटर तथा प्रशासकीय स्वीकृति 5526.53 लाख रूपये है। इनमें से दो काम प्रगति पर है। कलेक्टर ने शेष कार्यों को भी जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश दिए।
बैठक में कलेक्टर ने एशियन डेवलपमेंट बैंक लोन 3 परियोजना के तहत जिले में कराए जा रहे चार सड़क कार्यों की प्रगति की करते हुए इन्हें समयावधि में पूरा करने के निर्देश दिए। ज्ञात हो कि एडीबी के तहत जिले में कुल 164.71 किलोमीटर लंबी चार सड़कें बनाई जा रहीं हैं। प्रोजेक्ट मैनेजर एडीबी ने बताया कि रायपुर के टिकरापारा से पुराना धमतरी मार्ग तक बनाई जा रही एडीबी की सड़क में धमतरी जिले के भखारा-सेमरा-धमतरी (पुराना धमतरी) मार्ग तक कुल 32.35 किलोमीटर लंबी सड़क सम्मिलित है। इसी तरह कुरूद-मेघा से खिसोरा पाण्डुका तक बनाई जा रही सड़क में जिले की 28.48 किलोमीटर लंबी सड़क, कुरूद- मेघा-मगरलोड-अमलीडीह-धौंराभाठा-खिसोरा तक निर्माणाधीन है। परियोजना के तहत बुड़ेनी-नवापारा से भोयना तक बनाई जा रही तीसरी सड़क के तहत धमतरी जिले में 66.08 किलोमीटर लंबी सड़क परसवानी-मगरलोड-मोहंदी-बोरसी-भोयना में बनाई जा रही है। इसके अलावा कल्ले, अंवरी, सेमरा, गाड़ाडीह, हंचलपुर, कुर्रा, बागतराई, आमदी में 37.80 किलोमीटर लंबी सड़क एडीबी के तहत बनाई जा रही है।
छत्तीसगढ़ ग्रामीण विकास अभिकरण की समीक्षा के दौरान बताया गया कि सतह नवीनीकरण के 32 कार्यों में से 13 कार्य शेष हैं तथा 19 कार्यों में सीसी निर्माण कार्य पूर्ण, शोल्डर कार्य प्रगतिरत है। कलेक्टर ने बारिश से पहले शोल्डर मरम्मत का कार्य पूर्ण करा लेने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के पहले, दूसरे और तीसरे चरण में पांच वर्ष की संधारण अवधि वाले कुल 28 सड़कों का संधारण ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है। समीक्षा के दौरान बताया गया कि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 25 किलोमीटर लंबाई की कुल तीन सड़कों का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। इसके लिए कुल 870 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। वहीं योजना के तहत संधारण अवधि के 60 कार्य हैं तथा मुख्यमंत्री ग्राम गौरवपथ योजना के तहत कुल तीन किलोमीटर की तीन सीसी रोड सह नाली निर्माण कार्य 235 लाख रूपये की लागत से शुरू कर दिया गया है। कलेक्टर ने नगरी के आमगांव, धमतरी के दर्री और कुरूद के सिर्री में स्वीकृत इन तीनों गौरवपथ कार्यों को सितम्बर माह से पहले पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में कलेक्टर ने क्रेडा के तहत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। सहायक अभियंता क्रेडा ने बताया कि सौर सुजला योजना के तहत लक्षित 200 सोलर पम्प स्थापना के विरूद्ध अब तक 170 सोलर पम्प स्थापित, 30 प्रगति पर है। इसके लिए कुल पांच करोड़ रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई है। इसी तरह गोधन न्याय योजना के तहत पांच बायोगैस संयंत्र स्थापित कर लिया गया है तथा वन विभाग के लक्षित 100 में से 78 हितग्राहियों के यहां बायोगैस संयंत्र स्थापना हेतु सर्वे पूर्ण कर लिया गया है। शेष सर्वे कार्य प्रक्रियाधीन है। बैठक के अंत में कलेक्टर ने जिले में चल रहे सभी निर्माण कार्यों में गति लाते हुए उन्हें गुणवत्तापूर्ण तरीके से समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि गुणवत्ता के साथ समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।