छत्तीसगढ़
कलेक्टर ने किया सी-मार्ट का अवलोकन, घरेलू उपयोगी समान की खरीदी भी की
Shantanu Roy
1 Feb 2023 6:28 PM GMT
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छग
कवर्धा। जिले में सी मार्ट खुलने से स्थानीय उत्पादों को बाजार तो मिला है इसके साथ ही स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए रोजगार के द्वार भी खुल गए है। पहले गांव की महिलाएं सिर्फ घर तक ही सिमट कर रह जाती थी, लेकिन आज वही महिलाएं घर से निकलकर परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में अपनी भागीदारी निभा रही है। सी मार्ट से समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हुई है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार भी हुआ है। कवर्धा के नगर पालिका द्वारा कार्यालय के पीछे संचालित सी-मार्ट संचालित है। इस सी-मार्ट में स्व सहायता समूहों, बुनकरों दस्तकारों और कुटीर उद्योगो द्वारा बनाए गए उत्पादों के साथ कोदो कुटकी रागी मिल्ट की खुब बिक्री हो रही है। कलेक्टर जनमेजय महोबे और जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल ने बुधवार सुबह सी-मार्ट का अवलोकन किया। कलेक्टर ने सी-मार्ट संचालित कर रही महिला स्वसहायता समूहों से चर्चा करते हुए सी-मार्ट में बसे ज्यादा बिक्री हो रही स्थानीय समाग्रियों की जानकारी ली। महिला समूहो ने बताया कि सीमार्ट में महिला समूह द्वारा तैयार की गई हल्दी, मिर्च, धनिया पावाडर, साबून, कोदो कुटकी-रागी और ब्लेक राइस की सबसे ज्यादा मांग है। इसके अलावा महिला समूह द्वारा तैयार की जा रही मौसम आधारित समान, जैसे बड़ी-बिचौड़ी, धुप और अगरबत्ती फिनाइल और बुनकरों दस्तकारों और कुटीर उद्योगो द्वारा बनाए गए उत्पादों की मांग आ रही है।
सीमार्ट के प्रति लोगों को रूझान भी बढ़ा है। कलेक्टर ने सीमार्ट में उपलब्ध सामाग्री की स्टॉक पंजी साफट्वेयर का भी अवलोकन किया। कलेक्टर महोबे और जिला पंचायत सीईओ ने सीमार्ट का अवलोकन करते हुए अपने घरेलू उपयोगी सबंधी समानों की नगद खरीदी भी की। कलेक्टर ने सी-मार्ट के समीप तैयार हो रही गढ़ कलेवा के निर्माण कार्यों का भी अवलोकन किया। नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि शर्मा ने कहा कि शीघ्र ही गढ़ कलेवा के निर्माण कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा अनुरूप महिलाओं को सशक्त बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने गांव में गौठान संचालित की गई है। जहां मवेशियों की सुरक्षा के साथ स्व सहायता की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने विभिन्न गतिविधियां संचालित की गई है। इन गौठनों में महिलाएं मसाला, आचार, पापड़, साबुन, अगरबत्ती, फिनाइल, कोदो, कुटकी, रागी का पैकेजिंग, बड़ी जैसे विभिन्न उत्पाद का निर्माण कर रहे है। लेकिन महिलाओं में मन में स्वयं द्वारा बनाए उत्पाद को विक्रय करने की चिंता थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महिलाओं की समस्या को समझा और उनके उत्पादों के विक्रय के लिए प्रदेश के सभी जिलों में सी मार्ट की स्थापना की। जिसका संचालन महिला स्व सहायता समूह द्वारा ही किया जा रहा है। सी मार्ट खुलने से अब दोहरा लाभ हो रहा है। एक तरफ जिले के जिले में संचालित विभिन्न स्व सहायता समूह द्वारा बनाए एवं स्थानीय उत्पाद के विक्रय के लिए बाजार मिला गया। वही सी मार्ट के संचालन के लिए महिलाओं को रोजगार भी मिला है।
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Shantanu Roy
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