कलेक्टर ने ली समय सीमा की बैठक, कहा - जनसमस्याओं-शिकायतों का करें त्वरित निराकरण
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने आज साप्ताहिक समय सीमा की बैठक में जिले में मजदूरों को काम उपलब्ध कराने सभी पंचायतों में मनरेगा से स्वीकृत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि मनरेगा कर्मियों के हड़ताल पर होने के कारण कार्य प्रभावित नहीं हो इसे ध्यान में रखते हुए अन्य विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवाएं लेकर मनरेगा सेे स्वीकृत कार्य सभी पंचायतों में तत्काल शुरू करें।
उन्होने मनरेगा के तहत तालाब गहरीकरण, भूमि सुधार, निजी डबरी, नरवा विकास, गौठानों-चारागाहों में सामुदायिक बाड़ी विकास के लिए कृषि, वन, उद्यान, रेशम एवं मछली पालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए।
कलेक्टर ने गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या नहीं हो इसके लिए हैंडपंपों का संधारण, राईजर पाइप बढ़ाने सहित समुचित प्रबंध के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता को निर्देश दिए।
उन्होंने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में चौक-चौराहों एवं सार्वजनिक स्थलों पर राहगिरों एवं आम जनता के लिए पेयजल (प्याऊ) का इंतजाम करने जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकरियों और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देश दिए।
कलेक्टर ने सभी गौठानों मंे पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने कहा। उन्होने कहा कि जिन गौठानों के समीप नाला-तालाब नहीं है, वहां बोर कराएं और पंप लगाएं, जहां बिजली की सुविधा नहीं है, वहां क्रेडा विभाग से सोलर पंप लगवाएं।
उन्होने गोधन न्याय योजना के तहत सभी गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन बढ़ाने तथा विभागवार लक्ष्य निर्धारित कर बरसात के पहले वर्मी कम्पोस्ट का उठाव सुनिश्चित करने कहा।
उन्होने गौठानों में गोबर खरीदी का भुुगतान लंबित होने की जानकारी पर नाराजगी जताते हुए सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं और जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के अधिकारियों को शतप्रतिशत भुगतान करने के सख्त निर्देश दिए।
कलेक्टर ने पीजी पोर्टल, मुख्यमंत्री जन शिकायत और कलेक्टर जन चौपाल में प्राप्त जनशिकायतों-मांगों की विभागवार समीक्षा की। उन्होंने राशन कार्ड, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, दिव्यांग प्रमाण पत्र, शौचालय, आवास, मुआवजा, नामांतरण, सीमांकन, अनुदान आदि से संबंधित प्रकरणों के त्वरित निराकरण के निर्देश अधिकारियों को दिए।
उन्होंने कोरोना टीकाकरण के तहत जिले के 12 से 14 वर्ष के बच्चों को पहला डोज और 15 से 18 वर्ष के सभी बच्चों को दूसरा डोज स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के समन्वय से अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश दिए।