कलेक्टर ने की चिटफंड संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही, इन लोगों के डूबे पैसे होंगे वापस
रायगढ़। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी तारन प्रकाश सिन्हा ने आज चिटफंड के नाम से लोगों से धोखाधड़ी करने के एक मामले में आरोपियों से जप्त 44 लाख 58 हजार रुपए की संपत्ति की नीलामी और 3 लाख रुपए नकद को राजसात करने का अंतरिम आदेश पारित किया है और प्रकरण को अंतिम आदेश के लिए माननीय जिला न्यायाधीश के समक्ष प्रेषित किया है। जहां से अंतिम आदेश के पश्चात नीलामी और राजसात से मिली राशि निवेशकों को लौटाई जायेगी।
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार कोतवाली जिला रायगढ़ के द्वारा लिखित शिकायत आवेदन दिया गया था कि कलकत्ता वेयर इण्डस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी लक्ष्मीपुर रायगढ़ के द्वारा रकम दुगुना करने का विभिन्न स्कीम बताकर प्रार्थी से 5 लाख रुपये एवं अन्य निर्देशकों से रकम जमा कराया गया तथा परिपक्वता अवधि पूर्ण होने के पूर्व कंपनी बंद करके फरार हो गये। प्रार्थीगण की रिपोर्ट के आधार पर कलकत्ता वेयर इण्डस्ट्रीज लिमिटेड के संचालक के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। अनावेदकगणों को सुनवाई हेतु उनके निवास गृह के पते में रजिस्टर्ड डाक से नोटिस प्रेषित किया गया। नोटिस तामिली की समस्त प्रक्रियाओं के पश्चात भी निर्धारित सुनवाई तिथि को अनावेदकगण अनुपस्थित रहे। अत: अनावेदकगणों के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की गई।
पुलिस के द्वारा आरोपी 1-शाहजहाँ खान आ.मुकसद खान सा.जयदेवपुर होरिडेगा डायमण्ड हर्बर 24 परगना (पश्चिम बंगाल), 2-समशूल आलम खान पिता मुकसद खान सा.जयदेवपुर होरिडेगा डायमण्ड हारबर 24 परगना (पश्चिम बंगाल) को दिनांक 07 अप्रैल 2023 को गिरफ्तार किया गया तथा उनके कब्जे से जप्ती पत्रक के अनुसार नगदी रकम 3 लाख रूपये एवं सोने के जेवर मूल्य 30 लाख 03 हजार 900 रूपये, एक नग एकार्ड कंपनी की कार मूल्य 13 लाख रूपये, एक नग राडो घड़ी मूल्य 1 एक लाख रूपये एवं मोबाईल कुल कीमती लगभग 55 हजार रूपये जप्त की गई है। अनावेदकगणों को इस न्यायालय से जारी सूचना पत्र/नोटिस के बावजूद अनावेदकगण द्वारा उपस्थित होकर कोई जवाब प्रस्तुत न करने व पुलिस अधीक्षक रायगढ़ द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन से यह पुष्टि होती है कि अनावेदकगण द्वारा निक्षेपकों के हितों के विपरीत कार्य किया जा रहा है और यह कृत्य निक्षेपकों को धोखा देने के इरादे से सोची समझी साजिश के तहत कपटपूर्ण तरीके से किया गया है। जिससे उक्त अनावेदकगण निक्षेप की गई राशि निक्षेपकों को वापस किये जाने की संभावना परिलक्षित नहीं होता है। अत: छत्तीसगढ़ राज्य के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005 एवं नियम 2015 की धारा 7 (1) के (एक) एवं दो के तहत आरोपी कंपनी/वित्तीय संस्थान के संचालक, भागीदार से जप्त संपत्ति की नीलामी किये जाने एवं जप्तशुदा नगद रकम 3 लाख रूपये को राजसात किये जाने के संबंध में अंत: कालीन आदेश पारित किया जाता है। कार्यालय वरिष्ठ कोषालय अधिकारी, रायगढ़ द्वारा अवगत कराया गया है कि छ.ग. के निक्षेपकों के संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा-6 के तहत जिले में व्यापार संचालन हेतु प्रायवेट कंपनी कोलकत्ता वेयर इण्डस्ट्रीज लिमिटेड तथा अन्य किसी भी कंपनी को अनुमति नहीं दी गई है।