कलेक्टर ने ली बैठक: नगरीय निकायों में गोबर का समुचित संग्रहण करने के दिए निर्देश
धमतरी। कलेक्टर पी.एस.एल्मा ने आज सुबह गोधन न्याय योजना की साप्ताहिक समीक्षा बैठक लेकर कृषि एवं संबद्ध विभागों के अधिकारियों को सतत् गोबर खरीदी एवं वर्मी खाद निर्माण के लिए निर्देशित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान यह देखने में आया है कि नगरीय निकायों में यत्र-तत्र गोबर पड़ा रहता है, यानी नगरीय क्षेत्रों में गोबर का समुचित ढंग से संग्रहण नहीं हो रहा है। उन्होंने इस पर ध्यान देते हुए गोबर संग्रहित कराने और गुणवत्तायुक्त वर्मी खाद तैयार करवाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
आज सुबह कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने विकासखण्डवार एवं गौठानवार समीक्षा करते हुए गोबर संग्रहण और वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट के उत्पादन का संतुलन बनाए रखने के लिए निर्देशित किया। साथ ही शासन के निर्देशानुसार गौठानों की ग्रेडिंग करने के भी उप संचालक कृषि को निर्देश दिए। बैठक में उप संचालक ने बताया कि जिले में कुल 269 सक्रिय गौठान हैं जिनमें से 262 ग्रामीण क्षेत्रों में और शेष 07 नगरीय निकायों में स्थित है। उन्होंने आगे बताया कि योजना की शुरूआत से अब तक तीन लाख 47 हजार 818 क्विंटल गोबर पशुपालकों से क्रय किया गया है जिसमें से 66 हजार 269 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट और 9 हजार 463 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट तैयार किया गया है। इनमें से 49 हजार 566 क्विंटल वर्मी खाद और चार हजार 855 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट खाद बेचा जा चुका है जो कुल तैयार खाद का क्रमशः 75 और 51 प्रतिशत है। इन गौठानों में क्रमशः 16 हजार 702 क्विंटल और चार हजार 608 क्विंटल खाद विक्रय हेतु शेष बची है। कलेक्टर ने इन खादों के अधिकाधिक विक्रय के लिए लगातार किसानों को प्रोत्साहित व प्रेरित करने तथा जैविक खाद को लेकर उन्हें जागरूक करने पर जोर दिया। बैठक में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती प्रियंका महोबिया के द्वारा पूछे जाने पर बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्र में स्थित सभी गौठानों की जी-मैपिंग और जियो टैगिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि नगरीय निकायों में स्थित गौठानों कतिपय गौठानों में यह कार्य शीघ्र पूरा करा लिया जाएगा। साथ ही यह भी बताया गया कि सभी गौठानों की गुणवत्ता के आधार पर ग्रेडिंग पूर्ण कर ली गई है। उन्होंने यह भी निर्देशित कि यदि किसी गौठान में वर्मी टांके बनाने की आवश्यकता है तो तत्काल प्रस्ताव तैयार कर जिला पंचायत को भेजें। इसके अलावा बैठक में विभिन्न एजेण्डों पर चर्चा की गई।