धमतरी। जिले में शांति व्यवस्था कायम रखने के उद्देश्य से आज कलेक्टर पी.एस. एल्मा और एस.पी. प्रशांत ठाकुर ने पुलिस तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की। अधिकारी द्वय ने संवेदनशील पहलुओं तथा मुद्दों सतर्कता व सजगता बरतते हुए प्रत्येक गतिविधि की जानकारी उच्च कार्यालय को अवगत के लिए निर्देशित किया।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज शाम 5.30 बजे से आयोजित बैठक में कलेक्टर ने कहा कि किसी भी घटना के मूल में जाकर उसके कारणों का पता लगाएं और सभी पहलुओं पर सूक्ष्मता से अध्ययन करें। पुलिस एवं राजस्व विभागों के अधिकारियों को परस्पर समन्वय स्थापित कर हर संवेदनशील मुद्दों पर गम्भीरता से रणनीति तैयार करें। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी भड़काऊ और उकसाने वाली अफवाहों पर सतत् निगरानी रखते हुए साइबर अपराधों को नियंत्रित करने पर जोर दिया। बैठक में एसपी ने किसी घटना के घटित होने के पहले पूर्वानुमान पर विशेष तौर पर फोकस करते हुए सूचना तंत्रों को सक्रिय करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने शहरी क्षेत्र में दुकानों व व्यावसायिक संस्थानों को 11 बजे के पहले अनिवार्य रूप से बंद कराने, देर रात चौक-चौराहों में आपराधिक तत्वों का जमावड़ा नहीं होने देने संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार पेट्रोलिंग करने और सामुदायिक वैमनस्यता फैलाने वाले लोगों की गतिविधियों पर निगहबानी करने के भी पुलिस अधिकारियों को दिए। इसके अलावा शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासनिक तंत्रों को पूरी सक्रियता के साथ उपयोग में लाने के निर्देश दिए।
बैठक में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी ऋषिकेश तिवारी ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभिन्न एजेण्डों को बैठक में रखा। उन्होंने प्रोटोकॉल व्यवस्था, प्रतिबंधात्मक कार्रवाई, जिले में कानून व्यवस्था प्रभावित करने वाले मुद्दे सहित अन्य बिन्दुआंे पर चर्चा के लिए क्रमवार प्रस्तुत किया। बैठक में प्रोटोकॉल व्यवस्था के तहत समय-सीमा में दौरा कार्यक्रम की जानकारी वाहन, विश्राम भवन में आवश्यक एवं सुरक्षात्मक व्यवस्था, प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के अंतर्गत इस्तगाशा व दस्तावेजों की प्रविष्टि, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारियों पर परस्पर समन्वय, निगरानीशुदा एवं आदतन बदमाशों पर यथोचित कार्रवाई, धार्मिक एवं समुदाय आधारित मुद्दे, आंदोलन, हड़ताल आदि के संबंध में कार्रवाई, स्वस्फूर्त, सड़क दुर्घटना संबंधित मुद्दे, संवेदनशील मामलों में स्थानों व अवसरों को चिन्हांकित करने, शांति समिति की बैठक आयोजित करने, भड़काऊ वक्तव्य देने वालों को चिन्हांकित करने, सोशल मीडिया में सतत् निगरानी रखने, किसानों से संबंधित मुद्दे, जनाक्रोश जैसे विभिन्न विषयों पर बैठक में विस्तार से चर्चा की गई।