
महासमुंद। कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने गुरूवार को कृषि और उससे जुडे़ संबंधित विभाग के अधिकारियों एवं सभी जनपद पंचायत के अधिकारियों की बैठक ली और कामकाज की समीक्षा की। बैठक जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित हुई। उन्होंने अधिकारियों को जिले के सभी सहकारी समितियों में खाद-बीज का पर्याप्त मात्रा में भण्डार सुनिश्चित करने और कृषि ऋण वितरण में तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री एस. आलोक, कृषि, कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी, सहायक संचालक उद्यानिकी, सहायक संचालक मत्स्य सहित जनपद पंचायत के अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर ने गोधन न्याय योजना, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण, स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं पंचायत विभाग से संबंधित निर्माण कार्य की विस्तृत समीक्षा की। कलेक्टर ने गोबर खरीदी, वर्मी उत्पादन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने गौठानों के बेहतर संचालन के लिए इसे और आय मूलक गतिविधियों से जोड़ेन की बात कही।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री एस. आलोक ने जिले में चल रहे पंचायत के कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिले के दो गौठानों बड़गांव और बम्हनी में इस माह की 20 जुलाई से गौमूत्र की खरीदी की शुरूआत होगी। इसके लिए की गई तैयारियों की भी जानकारी दी। उन्होंने जिले की गौठानों में अब तक खरीदे गए गोबर और वर्मी उत्पादन की भी जानकारी दिए। गौठानों और मनरेगा की गतिविधियों के बारे में भी अवगत कराया।
कलेक्टर ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गौठानों में महिला समूह द्वारा उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट खाद के उपयोग के बारे में भी किसानों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने कहा। बैठक में बताया गया कि गौठाना में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट का विभिन्न समितियों में भण्डारण कराकर किसानों को दोनों कम्पोस्ट खाद कृषि ऋण के रूप मंे प्रदाय की जा रही है। उन्होंने सुराजी गांव योजना के प्रमुख घटक गरवा के तहत गंाव में निर्मित गौठानों को ग्रामीणों के स्वरोजगार एवं आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित किए जाने कार्य की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि गौठानों में स्वरोजगार संबंधी विभिन्न गतिविधियों का संचालन कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और बेहतर बनाना चाहिए। कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने अधिकारियों को कहा कि महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से निर्मित एवं उत्पादित सामग्रियों की मार्केटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
कलेक्टर ने उद्यानिकी को गौठानों में वृहद पैमाने के साथ पौधरोपण के साथ ही उसके नीचले स्तर पर तालाब निर्माण पर जोर दिया। श्री क्षीरसागर ने गौठानों के एरिया में ही मत्स्य पालन, पोल्ट्रीज एवं बकरी पालन की गतिविधियों को भी शुरू करने कहा। उन्होंने उद्यानिकी को कहा कि अभी समय है गौठानों में फलदार, छायादार पौधों का रोपण किया जाए।