स्कूली बच्चों के बीच पहुंचे कलेक्टर, कहा - कुछ बनने के लिए जुनून जरूरी
अंबिकापुर। कलेक्टर कुन्दन कुमार ने सोमवार को अम्बिकापुर के गांधीनगर स्थित स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय, प्राथमिक शाला पटेलपारा व आंगनबाड़ी केंद्र महुआपारा का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने स्वामी आत्मानंद विद्यालय के निरीक्षण के दौरान कक्षा 9 वीं एवं 10 वीं के बच्चों से संवाद करते हुए कहा कि जीवन मे कुछ बनने के लिए लक्ष्य निर्धारण और जुनून जरूरी है। साधारण पढ़ाई से मंजिल नहीं मिलेगी। खूब मन लगाकर पढ़ाई करें। उन्होंने शिक्षकों को निर्देशित किया कि विषय की पूरी तैयारी के साथ स्कूल आएं ताकि बच्चों को अच्छी तरह समझा सकें।
कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान बच्चां से कुछ सवाल पूछकर उनके ज्ञान को परखा। उन्होंने कक्षा 9 वी के छात्रों से पूछा कि कलेक्टर बनने के लिए कौन सी परीक्षा देनी पड़ती है। इस पर छात्रों ने जवाब दिया कि यूपीएससी। कलेक्टर ने यूपीएससी का फूल फार्म व इसका हिंदी अनुवाद भी पूछा। कलेक्टर ने कहा कि यूपीएससी या संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में शामिल होने के लिए स्नातक उपाधि धारक व्यक्ति शामिल हो सकता है। यूपीएससी के माध्यम से आईएएस, आईपीएस सहित कई अन्य सेवाओं के लिए चयनित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा इंजीनियरिंग, मेडिकल, कला के क्षेत्र में भी जा सकते है। उन्होंने बच्चां से कहा कि आपको क्या बनना अच्छा लगता है उसकी तैयारी अभी से शुरू कर दें। 15 से 20 वर्ष अच्छे से मेहनत करेंगे तो जीवन मे निरंतर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि घर जाकर गूगल या यूट्यूब में सर्च करें कि कौन सी कक्षा और पाठ्यक्रम में कैरियर के क्या अवसर है। उसमें सारी जानकारी मिल जाएगी।
शिक्षक भी देंगे परीक्षा- कलेक्टर ने स्कूल के शिक्षकों की औसत परफार्मेंस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि केवल विद्यर्थियों को ही परीक्षा नहीं देनी है अपने विषय पर कितना पकड़ है इसकी जांच परीक्षा शिक्षकों की भी देनी है। स्कूल के बच्चों को अपने बच्चे समझ कर खूब मेहनत से पढ़ाएं।
बदलनी है शिक्षा की तस्वीर- कलेक्टर ने शिक्षकों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जिले में जो शिक्षा की स्थिति है उसे बदलना है और इसके लिए आप सबको तैयार होना पड़ेगा। शिक्षकों के लिए स्कूल आना केवल नौकरी करना नहीं है, बल्कि समाज व देश का भविष्य गढ़ने का काम करना है। उन्होंने कहा कि कोई कमीं है तो उसे छुपाना नहीं चाहिए अपितु उस कमी को दूर करने का उपाय करना चाहिए। अगली निरीक्षण से पहले कमियों को दूर करने का प्रयास करें।