छत्तीसगढ़

आत्मनिर्भर बनने के लिए कलेक्टर ने किया महिलाओं को प्रेरित

Nilmani Pal
29 Sep 2022 11:09 AM GMT
आत्मनिर्भर बनने के लिए कलेक्टर ने किया महिलाओं को प्रेरित
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कांकेर। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजनांतर्गत चारामा विकासखण्ड के ग्राम सराधुनवागांव के गौठान में 26 लाख 60 हजार रूपये की लागत से गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने का मशीन स्थापित किया जा रहा है, जहां अतिशीघ्र गोबर की सहायता से प्राकृतिक पेंट के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जायेगा। प्राकृतिक पेंट निर्माण के संबंध में जिले के तीन अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है, जिनके द्वारा महिला स्व सहायता समूह का चयन कर उन्हें भी प्राकृतिक पेंट निर्माण की बारीकियों को समझाया गया है। कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुमीत अग्रवाल ने आज सराधुनवागावं गौठान का निरीक्षण कर गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए स्थापित मशीनों का अवलोकन किया तथा प्राकृतिक पेंट निर्माण के प्रक्रिया के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली।

आत्मनिर्भर बनने के लिए कलेक्टर ने किया महिलाओं को प्रेरित

जमीन में बैठकर की चर्चा

कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने आज सराधुनवागांव गौठान निरीक्षण पश्चात् गौठान से जुड़ी दिव्य ज्योति महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों से चर्चा कर उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित किया । उनके साथ जमीन में बैठकर चर्चा करते हुए उन्हें आमदनी बढ़ाने के लिए आयमूलक कार्य करने के लिए समझाईश देते हुए कहा कि धान की खेती के अलावा अन्य लाभकारी फसलों जैसे दलहन, तिलहन एवं साग-सब्जी की खेती भी की जाये, इसके अलावा मुर्गी पालन, मछली पालन के कार्य भी किया जावे, इससे आमदनी बढ़ेगी। कलेक्टर ने एनीमिया एवं कुपोषण से मुक्ति के लिए महिलाओं से चर्चा करते हुए भोजन में हरा साग-सब्जी, दाल, चना, सोयाबीन बड़ी, अंडा, मछली इत्यादि को भी शामिल करने के लिए समझाईश दिया।

दिव्य ज्योति स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि उनके द्वारा गौठान में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जाता है, साथ ही साथ गौठान के जमीन में साग सब्जी की खेती की जाती है, इसके अलावा मुर्गी पालन के कार्य भी किया जा रहा है, जिससे अच्छी आमदनी हो जाती है। आर्थिक गतिविधियों के संबंध में जानकारी लेने पर बताया कि उनके द्वारा प्रति सप्ताह बैठक आयोजित कर गतिविधियों की चर्चा की जाती है तथा 10-10 रूपये सहयोग राशि जमा किया जाता है, जिसे जरूरतमंद महिलाओं को सस्ते ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है। वर्तमान में उनके पास लगभग दो लाख रूपये की राशि जमा है, जिससे आर्थिक गतिविधियां संचालित की जाती है। समूह के सदस्य नैना धनकर एवं मोतिम पाल ने बताया कि समूह से जुड़कर आर्थिक गतिविधियों से उनकी आमदनी बढ़ी है, पहले उन्हें महीने में लगभग 05 हजार रूपये की आमदनी होती थी, जो बढ़कर अब 10 से 12 हजार रूपये हो गया है। उन्होंने बताया कि गौठान में उनके द्वारा सब्जी की खेती की जा रही है तथा मुर्गी पालन से अंडा उत्पादन भी हो रहा है। उनकी मांग पर कलेक्टर ने सामुदायिक भवन उपलब्ध कराने के लिए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देशित किया तथा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को स्व सहायता समूह की बैठक लेकर खेती के आधुनिक तरीकों एवं लाभकारी फसलों की खेती के संबंध में जानकारी देने के लिए निर्देशित किया। निरीक्षण के दौरान चारामा के एसडीएम सी.एल. ओंटी, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जी.एस. बढ़ई और तहसीलदार एच.आर. नायक भी मौजूद थे।

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