छत्तीसगढ़

अपर कलेक्टर एवं एसडीएम को सख्त निर्देश...लापरवाही बरतने वाले पटवारी और बाबू पर करें कार्यवाही

Admin2
10 March 2021 4:01 PM GMT
अपर कलेक्टर एवं एसडीएम को सख्त निर्देश...लापरवाही बरतने वाले पटवारी और बाबू पर करें कार्यवाही
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जशपुरनगर। कलेक्टर महादेव कावरे ने आज कलेक्ट्रोरेट सभा कक्ष में राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर राजस्व से संबंधित बटवारा, नामांतरण, सीमांकन लंबित प्रकरण और जाति प्रमाण-पत्र से संबंधित लंबित प्रकरणों के संबंध में जानकारी ली और लंबित आवेदनों को गंभीरता से लेते हुए 31 मार्च तक निराकरण करने के सख्त निर्देश दिये हैं। इस अवसर पर अपर कलेक्टर आई.एल.ठाकुर, सभी एसडीएम उपस्थित थे।

कलेक्टर ने विवादित नामातंरण, सीमांकन, बटाकंन और आवेदन के निकराकरण के धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए सभी एसडीएम को कड़ी हिदायत देते हुए अपने राजस्व से संबंधित आवेदनों का समय-सीमा में निकराकरण करने के निर्देश दिये हैं उन्होंने कहा कि अपने अधीनस्थ नायब तहसीलदार, कानूनगो, रीडर, पटवारी को निर्देशित करें कि राजस्व से संबंधित आवेदन प्रतिवेदन को समय पर संबंधित अधिकारी के पास प्रस्तुत करें, ताकि राजस्व संबंधित लंबित प्रकरण निराकरण समय पर हो सके। उन्होंने कहा कि अपने विभाग के कानूनगो, बाबू रीडर अनावश्यक फाईल को दबा के न रखते हैं। इसका विशेष ध्यान रखें और छोटे-छोटे काम के लिए लोगो अनावश्यक घुमाने की शिकायत मिलती है तो संबंधित बाबू को नोटिस देकर तत्काल कार्यवाही करें और लापरवाही बरतनेे वाले रीडर, कानूनगो और बाबू का टेबल भी बदलने के निर्देश दिये हैं।

कलेक्टर ने कहा कि पटवारी अपने मुख्यालय में नहीं रहते हैं और अपने कार्य पर लापरवाही बरत्ते हैं तो कार्यवाही करने के सख्त निर्देश भी दिये हैं। उन्होंने सभी एसडीएम को चेतावनी देते हुए कहा कि कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही नही चेलगी। समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने बगीचा एसडीएम से कम आवेदन के संबंध में जवाब तलब किया और लंबित आवेदनों का निकराकरण भी गंभीरता से करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने समीक्षा के दौरान कहा कि 3 साल वाले लंबित आवेदनों का भी समय-सीमा में निकरारण करें और पैरोल से संबंधित जो आवेदन आये हैं उनका प्रतिवदेन के आधार पर निकराकरण करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि अपने अधीनस्थ नायब तहसीलदार,तहसीलदार और पटवारियों पर निगरानी रखें और उनके कार्यो का भी मूल्यांकन करते रहें, ताकि समय-सीमा पर राजस्व संबंधित आवेदनों की स्थिति की जानकारी मिलती रहें। उन्होनें जाति प्रमाण-पत्र बनाने के अभियान को भी पूर्ण करने के लिए कहा गया है।

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