छत्तीसगढ़

कलेक्टर ने दी अफसरों को हिदायत, कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम में ढिलाई बर्दाश्त नहीं

Nilmani Pal
5 April 2022 10:14 AM GMT
कलेक्टर ने दी अफसरों को हिदायत, कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम में ढिलाई बर्दाश्त नहीं
x

अंबिकापुर। कलेक्टर संजीव कुमार झा ने सोमवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित पशु चिकित्सा विभाग के बैठक में विभाग से संबंधित कार्यो की समीक्षा की। उन्होंने नस्ल सुधार हेतु गाय एवं बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम को निरंतर जारी रखने तथा इसमें बिल्कुल भी ढिलाई न बरतने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने कहा कि कृत्रिम गर्भाधान मवेशी और बकरियों में नस्ल सुधार के लिए बहुत आवश्यक है। इसकी जिला स्तर से मॉनिटरिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि गोठान गांव में पहले शत-प्रतिशत कृत्रिम गर्भाधान करें। ग्रामीणों को नस्ल सुधार के लाभ बताकर गाय -बकरियों को कृत्रिम गर्भाधान कराने प्रोत्साहित करें। आदर्श गोठानों को इस तरह से विकसित करें कि आसपास के पशुपालक गोठान में अपने मवेशी के ईलाज व नस्ल सुधार के लिए खुद आएं। उन्होंने कहा कि पशु सखियों को सक्रिय कर उनके लिए भी प्रतिमाह लक्ष्य निर्धारित करें। सभी पशु चिकित्सा अस्पतालों में भी यह व्यवस्था हो। बताया गया कि जिले में करीब साढ़े चार लाख गोवंशीय व करीब साढ़े तीन लाख अजावंशीय पशु हैं।

कलेक्टर ने कहा कि जिले में 23 और गोठानों को आदर्श चिन्हाकित किये गए हैं जिससे अब आदर्श गोठानों की संख्या 37 हो गई है। चिन्हांकित सभी 23 गोठानों में पूर्व आदर्श गोठानों की भांति आजीविका गतिविधयां संचालित की जानी है। पशु चिकित्सा विभाग से संबंधित कार्य को तत्काल शुरू करें। उन्होंने कहा कि सबसे पहले नेपियर घास लगवाएं। इसके बाद बटेर, लेयर व मुर्गीपालन में लिए शेड निर्माण करायें। उन्होंने कहा कि पूर्व में लगाये गए नेपियर को गर्मी में भी बचा कर रखने उपाय करें। गोठान को जीवंत रख उसकी सार्थकता बनाये रखने की भरपूर कोशिश करें।

कलेक्टर ने कहा कि जिला पशु चिकित्सालय के बेहतर संचालन के लिए जो भी उपकर या संसाधन की आवश्यकता है उसकी सूची तैयार करें। इसके लिए राशि की व्यवस्था डीएमएफ मद से की जाएगी। मैदानी पशु चिकित्सालयों को भी कार्यशील रखें। प्रतिदिन दिनभर खुला रहे और चिकित्सक नियमित रूप से उपलब्ध रहें। उन्होंने सकालो स्थित पोल्ट्री फॉर्म की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए कहा कि फॉर्म सुचारू रूप स्व संचालित हो ताकि पशुपालकों और उपभोक्ताओं को लाभ मिले। हेचरी को पुनः प्रारंभ करे और ज्यादा से ज्यादा स्टॉक रखें। फार्म में कड़कनाथ मुर्गापालन भी शुरू करें। इसके लिए गांव का क्लस्टर बनाएं और लोगों को जोड़ें। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार लंगेह सहित पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

Next Story