छत्तीसगढ़

कलेक्टर ने इन मामलों में तहसीलदार को दिया अर्थदंड

Nilmani Pal
13 Nov 2022 9:29 AM GMT
कलेक्टर ने इन मामलों में तहसीलदार को दिया अर्थदंड
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बलरामपुर। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में शासन की मंशानुरूप कलेक्टर न्यायालय में दर्ज मामलों का निराकरण तीव्रता से किया जा रहा है। कलेक्टर विजय दयाराम के. ने बताया कि राज्य शासन की महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी योजनाओं के सुचारू एवं प्रभावी क्रियान्वयन के साथ राजस्व एवं न्यायालयीन प्रकरणों का भी त्वरित निराकरण जिले में किया जा रहा है, तथा यह प्रयास किया जा रहा है कि प्रकरण अधिक समय तक लंबित न हो। उन्होंने बताया कि जिले में निर्धारित दिवस पर न्यायालय का कार्य संचालित हो, यह पूरा प्रयास किया जाता है, सभी प्रकार के पक्षों एवं प्रकरणों की सूक्ष्म जांच उपरांत प्रकरणों का निपटारा कर लोगों को राहत दिलाया जा रहा है।

विदित है कि कलेक्टर विजय दयाराम के. की पदस्थापना के बाद से अब तक कुल 126 राजस्व एवं विधिक प्रकरणों पर निर्णय पारित किया गया है, कलेक्टर न्यायालय में मात्र 183 प्रकरण निराकरण हेतु शेष हैं जिस पर सुनवाई की कार्यवाही जारी है।

शासकीय कार्य मे विलंब एवं लापरवाही पर कठोर कार्यवाही भी प्रस्तावित

कलेक्टर विजय दयाराम के. ने सुनवाई के दौरान कई महत्वपूर्ण प्रकरणों में विलंब की दशा में कठोर कार्यवाही भी की है। वहीं चुनाव याचिका के तहत् तहसीलदार रामानुजगंज के द्वारा मूल प्रकरण उपलब्ध नहीं कराने की दशा में दर्ज 2 प्रकरणों में छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम की धारा 122 के तहत 2500-2500 रूपये का दंड अधिरोपित किया। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन 2016 के तहत् जिले के 19 राईस मिलरों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर एफसीआई को निर्धारित समयावधि में चावल जमा करवाया गया है।

सीनियर सिटीजन प्रोटेक्शन एक्ट के तहत भरण पोषण हेतु बुजुर्ग पिता के पक्ष में दिया निर्णय

कलेक्टर विजय दयाराम के. न्यायालयीन प्रकरणों को पूरी गंभीरता से सुनते हैं, उनके द्वारा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के एक प्रकरण में मृतक शिक्षक स्व0 रामदास के स्वत्वों के भुगतान की राशि का 50 प्रतिशत के साथ मासिक वेतन का 50 प्रतिशत मृतक के बुजुर्ग पिता श्री धर्मदेव के पक्ष में वरिष्ठ नागरिक माता-पिता भरण पोषण अधिनियम 2007 की धारा 4 के तहत् राशि प्रदान किये जाने का निर्णय पारित किया।

कलेक्टर विजय दयाराम के. जन सामान्य के मामलों के निराकरण में काफी सजग माने जाते हैं, चाहे वह जनदर्शन में प्राप्त आवेदन हो या न्यायालय में दर्ज प्रकरण। उन्होंने सभी अनुविभागीय अधिकारियों(राजस्व) एवं विभागीय अधिकारियों से भी जन सामान्य की समस्याओं के त्वरित निराकरण के निर्देश दिए हैं।

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