छत्तीसगढ़

कलेक्टर साहब यातायात नियम को नहीं मानते, सफर करते है काली फिल्म लगे वाहन में

Nilmani Pal
18 May 2023 8:04 AM GMT
कलेक्टर साहब यातायात नियम को नहीं मानते, सफर करते है काली फिल्म लगे वाहन में
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मनेन्द्रगढ़। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक हमारे देश में कोई भी व्यक्ति अपनी गाड़ी पर शीशों में काली फिल्म नहीं लगा सकता। लेकिन दुर्भाग्य देखिए जिन पर इस नए जिले मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने का भार है... यानी कलेक्टर महोदय खुद ही इन दिनों काली फ़िल्म लगे वाहन में सफर करते दिखाई दे रहे हैं। जिले के कलेक्टर का यह हाल है तो बाकी लोगों का क्या हाल होगा, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।

काला शीशा लगे वाहन के अंदर कौन है, अपराधी है या वीआईपी... इसका पता न तो पुलिस को चल पाता है और न ही जनता को। काले शीशे लगे वाहनों का उपयोग अक्सर आपराधिक गतिविधियों के लिए होता आया है। कारों से हत्या और अपहरण की वारदातों को अंजाम दिया जाता रहा है। आपराधिक चरित्र वाले लोग अपनी पहचान छिपाने के लिए ऐसे वाहनों का उपयोग करते रहे हैं, इसीलिए काले शीशों को बेन किया गया है।

केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1989 के नियम 100 के तहत वाहनों की खिड़कियों के शीशे काले या रंगीन नहीं होने चाहिए। इस नियम के अनुसार वाहनों की खिड़कियों के साइड विंडो के शीशे 50 प्रतिशत और आगे-पीछे का शीशा 70 प्रतिशत पारदर्शी होना चाहिए। केंद्रीय मोटरवाहन नियमावली, 1989 के नियम (2) के तहत वाहनों में लगे काले शीशे को हटाने का प्रावधान है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 177 और 179 के तहत काला शीशा लगाने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। ऐसे में कलेक्टर के वाहन में ग्लास में काली फिल्म होना गलत है।

मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर एसपी टीआर कोशिमा का कहना है कि यातायात नियमों का पालन करना सभी के लिए जरूरी है। अफसर हों या जनप्रतिनिधि, सभी को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। काली फ़िल्म लगे वाहनों में सफर करना गलत है। मैं काली फ़िल्म हटाने को लेकर कलेक्टर सर से बात करूंगा।


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