रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल रायपुर में कॉकलियर इम्प्लांट सर्जरी प्रारंभ
रायपुर। पूरे विश्व में 10,000 मे से एक बच्चे की सुनने की क्षमता बाधित होता है। इनमे 90% बच्चे ऐसे माता-पिता से जन्म लेते हैं जो सुनने मे सक्षम होते है। ऐसे बहरे-गूंगे बच्चों के कान व मस्तिष्क मे, एक छोटा सा उपकरण लगाकर, उसके सुनने की क्षमता सामान्य बनाने की प्रक्रिया कॉकलियर इम्प्लांट कहलाती है।
रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल मे, कॉकलियर इम्पलांट सर्जरी की शुरुआत 24 सितंबर को की गई । जिसमें 4 वर्षीय अध्या, वह पहली बच्ची है जिसकी बाईलेटरल इम्प्लांट सर्जरी की गई। डॉ. सुरभी ने बतलाया कि, इसमें दुनिया का सबसे पतला इम्प्लांट जिसका नाम केई 632 इस्तेमाल किया गया। इसमें सुनने की शुद्धता 98% होती है। यह एमआरआई कमपीटेबल होता है। डॉ. संदीप दवे (मेडिकल डायरेक्टर) के मार्गदर्शन में डॉ. हेतल मरफतिया (एच ओ डी, के ई एम हॉस्पिटल) डॉ. सुरीभ चतुरमोहता, (सीनियर कंसलेटेंट), डॉ. सुधा त्रिवेदी, डॉ. श्रुति सिंग, डाॅ. पवन जैन, डॉ. भुवनेश्वर देवांगन की टीम ने मिलकर इस सर्जरी को अंजाम दिया जो 6 घंटे तक चली बच्ची ऑपरेशन के बाद स्वस्थ है।