छत्तीसगढ़

खैरागढ़ में दिखेगा सीएम का दम और भाजपा की रणनीति...

Nilmani Pal
24 March 2022 5:28 AM GMT
खैरागढ़ में दिखेगा सीएम का दम और भाजपा की रणनीति...
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  1. कांग्रेस के सामने सीट पर कब्जा करने की चुनौती, भाजपा के पास रिचार्ज होने का मौका, दोनो दलों को पीठ में छुरा घोंपनेवालों से रहना होगा सावधान
  2. राजनीतिक दलों ने इन चेहरों पर लगाया दांव - छत्तीसगढ़ में खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। बुधवार को भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी है। भाजपा ने पूर्व विधायक कोमल जंघेल को उम्मीदवार बनाया है। जंघेल पिछले चुनाव में जकांछ उम्मीदवार देवव्रत सिंह से करीब 900 वोटों से हार गए थे। वहीं जकांछ ने नरेंद्र सोनी पर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट दिया है। सोनी पेशे से वकील हैं और क्षेत्र में काफी सक्रिय उम्मीदवार हैं। इसके पहले मंगलवार को यशोदा वर्मा को खैरागढ़ उपचुनाव के लिए उनके नाम की घोषणा की थी।

गृहग्राम देवारीभाट से सरपंच के रूप में राजनीतिक सफर शुरू करने वालीं यशोदा जिला पंचायत सदस्य भी रह चुकी हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस से उनकी मजबूत दावेदारी थी। वर्तमान में वे लोधी समाज की महिला इकाई की जिलाध्यक्ष भी हैं। किसान परिवार से जुड़ीं यशोदा के पति नीलांबर वर्मा भी कांग्रेस में सक्रिय हैं। वे एक बार जनपद सदस्य के अलावा ब्लाक कांग्रेस कमेटी खैरागढ़ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। खैरागढ़ उपचुनाव के लिए 24 मार्च तक नामांकन दाखिल करना है। कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होते ही यशोदा वर्मा ने समर्थकों के साथ जिला पंचायत भवन पहुंचकर नामांकन फार्म लिया। वे 24 मार्च को वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में नामांकन दाखिल करेंगी। अब तक स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में एकमात्र जिला पंचायत सदस्य विप्लव साहू का ही नामांकन दाखिल हुआ है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की तरफ से मंगलवार को फार्म जमा करने कार्यकर्ता पहुंचे, लेकिन दस्तावेजों में कमी के कारण नामांकन दाखिल नहीं कर पाए। खैरागढ़ सीट से राजपरिवार की पद्मा सिंह भी कांग्रेस से टिकट की दावेदार थीं, लेकिन कांग्रेस ने विवाद को देखते हुए उनके नाम पर विचार ही नहीं किया।

भाजपा ने लोधी समाज से उतारा प्रत्याशी : खैरागढ़ विधानसभा उप चुनाव के लिए भाजपा ने भी लोधी समाज से ही प्रत्याशी उतारा है। दो बार के विधायक व पूर्व संसदीय सचिव कोमल जंघेल को पांचवी बार विधानसभा का टिकट दिया है। वे छुईखदान से सात किलोमीटर दूर गंडई रोड पर स्थित ग्राम घिरघोली के निवासी हैं। वे पिछला चुनाव (2018) जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के देवव्रत सिंह से मात्र 870 मतों से हारे थे।

जकांछ ने दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह के बहनोई नरेंद्र सोनी को बनाया प्रत्याशी : खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के लिए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने अधिवक्ता नरेंद्र सोनी को प्रत्याशी बनाया है। 40 वर्षीय नरेंद्र सोनी छात्र जीवन से राजनीति से जुड़े हुए हैं। महाविद्यालय में अध्यक्ष की भी रह चुके हैं। नरेंद्र ने एलएलबी की पढाई की है। पिछले सात माह से खैरागढ़ को जिला बनाने क्रमिक भूख हड़ताल आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं। नरेंद्र दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह के बहनोई है। जकांछ (जे) प्रत्याशी नरेंद्र सोनी राजनीति में सीधे तौर पर सक्रिय नहीं थे। हां, लेकिन खैरागढ़ को जिला बनाने की मांग को लेकर पिछले दिनों चलाए गए जनांदोलन में उन्होंने सक्रिय भूमिका जरूर निभाई थी। वे हड़ताल के दौरान पूरे समय सक्रिय रहे।

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। खैरागढ़ विधान सभा का उपचुनाव भाजपा के लिए रिचार्ज होने का एक बड़ा मौका है। हालहि में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में विजज हासिल करने के बाद देशभर में भाजपा के पक्ष में माहौल बना है। विशेषकर उत्तरप्रदेश चुनाव जहां छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने भी ताकत झोंकी थी और मुख्यमंत्री ने वहां छग माडल की खूब चर्चा की थी लेकिन लोगों पर असर नहीं हुआ। भाजपा को इन चुनावों में मिली सफलता ने छग भाजपा में भी ताजगी भर दी है। इसे देखते हुए खैरागढ़ का उपचुनाव दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए रिचार्ज होने का अवसर की तरह है। हाल हि में कवर्धा में हुए विवाद का भी इस चुनाव पर असर डालेगा, भाजपा को इसका भी फायदा मिल सकता है। पार्टी सांगठनिक रणनीति से चुनाव लड़े तो यहां जीत सुनिश्चित हो सकती है। खैरागढ़ में पिछले चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को मामूली वोटों से हार मिली थी। कांग्रेस यहां तीसरे नंबर पर थी। पार्टी ने एक बार फिर लोधी वर्ग के कोमल जंघेल को ही अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस उम्मीदवार भी लोधी समाज से होने के चलते जातिय समीकरण में दीगर वर्ग के वोट निर्णायक होंगे।

बृजमोहन-मूणत-शिवरतन पर जीत का दारोमदार

भारतीय जनता पार्टी ने खैरागढ़ उपचुनाव को देखते हुए कमर कस ली है. बीजेपी ने अपने बड़े नेताओं को चुनाव की जिम्मेदारी सौंपते हुए मंडल प्रभारी और सहप्रभारी की घोषणा की है. धरमलाल कौशिक को छुईखदान क्षेत्र का प्रभारी, बृजमोहन अग्रवाल को खैरागढ़ शहर का प्रभारी, राजेश मूणत को खैरागढ़ ग्रामीण का प्रभारी, शिवरतन शर्मा को गंडई का प्रभारी और केदार कश्यप को साल्हेवारा का प्रभारी बनाया गया है. वहीं मोती राम चन्द्रवंशी और भूपेन्द्र सवन्नी को छुईखदान का सहप्रभारी, किरण देव और विजय शर्मा को साल्हेवारा का सहप्रभारी, खैरागढ़ शहर सहप्रभारी केदारनाथ गुप्ता, खैरागढ़ ग्रामीण सहप्रभारी नारायण चंदेल और अनुराग सिंह देव और संजय श्रीवास्तव को गंडई की सहप्रभारी बनाया गया है।

चौबे-लखमा को जिम्मेदारी, पीछे सीएम का दम

कांग्रेस ने भी लोधी समाज से ही यशोदा वर्मा को उम्मीदवार बनाया है। मुख्यमंत्री की पसंद और राजनीतिक पृष्ठभूमि होने से उसकी उम्मीदवारी मजबूत मानी जा रही है। मुख्यमंत्री ने नामांकन दाखिले के दौरान भरोसा जताया है कि तीन साल के कार्यो और सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा और कांग्रेस आसानी से उपचुनाव जीतेगी। लेकिन पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव से देश में भाजपा के पक्ष में बने माहौल, कवर्धा कांड और जातिय समीकरण के चलते कांग्रेस के लिए यह उपचुनाव जीतना आसान नहीं होगा। वहीं जिन मंत्रियों को चुनाव जीताने की जिम्मेदारी सौंपी गई है उनका भी क्षेत्र में खास प्रभाव नहीं है। मोहम्मद अकबर का क्षेत्र होने के बावजूद कवर्धा मामले को लेकर उन्हें जिम्मेदारी नहीं दी गई है। ऐसे में मुख्यमंत्री के चुनाव प्रचार और सभा का लोगों पर असर ही कांग्रेस की जीत तय करेगी। वहीं छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ने जिसे उम्मीदवार बनाया है उसका कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है हालाकि खैरागढ को जिला बनाने के लिए चलाए गए आंदोलन में नरेन्द्र सोनी ने महत्तवपूर्ण भूमिका निभाई थी जिससे लोगों में उसकी पहचान बनी है। लोधी समाज से बाहर के होने से दीगर वर्ग के वोट उसे मिल सकते हैं जिससे लोधी वोट परिणाम के लिए खासे महत्वपूर्ण होंगे।

आज नामांकन का अंतिम दिन, 12 अप्रेल को मतदान

निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम के मुताबिक उप चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 24 मार्च निर्धारित की गई है। 25 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 28 मार्च तक प्रत्याशियों को अपने नाम वापस लेने का मौका दिया जाएगा। उसके बाद वैध प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया जाएगा। खैरागढ़ सीट पर मतदान 12 अप्रैल को होना है। 16 अप्रैल को मतगणना और परिणाम जारी होंगे।

पिछली बार जकांछ के कब्जे में थी सीट

2018 में हुए विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के देवव्रत सिंह ने इस सीट पर भाजपा की कोमल जंघेल को केवल 870 वोटों के अंतर से हराया था। नवम्बर 2021 में देवव्रत सिंह का निधन हो गया। इसके बाद से यह सीट खाली है। 2013 में कांग्रेस के गिरवर जंघेल यहां से विधायक थे। 2007 के उपचुनाव और 2008 के आम चुनाव में भाजपा के कोमल जंघेल ने यह सीट जीती। इससे पहले कांग्रेस के देवव्रत सिंह यहां से विधायक हुआ करते थे।

सीएम की मौजूदगी में कांग्रेस प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल किया

खैरागढ़ उप चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवार यशोदा वर्मा ने शक्ति प्रदर्शन के साथ बुधवार को अपना नामांकन पत्र जमा करा दिया। नामांकन के लिए राजनांदगांव के बाबा फतेह सिंह हॉल से जुलूस निकला। इसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, आबकारी मंत्री कवासी लखमा, प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत सहित कई मंत्री, पदाधिकारी और नेता शामिल हुए। राजनांदगांव पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बाबा फतेह सिंह हॉल में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा, कांग्रेस सरकार ने पिछले तीन सालों में गांव-गरीब को मजबूत करने के लिए ही काम किया है। इसी की बदौलत पिछले तीन विधानसभा उप चुनाव और नगरीय निकाय चुनावों में पार्टी को मतदाताओं का साथ मिला है। कार्यकर्ताओं की मेहनत और लोगों के समर्थन से कांग्रेस यह उप चुनाव भी जीतेगी। पत्रकारों से चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, उनकी पार्टी सरकार के कामकाज के आधार पर वोट मांगेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा के उम्मीदवार कोमल जंघेल को पिटा हुआ चेहरा बता दिया।

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