छत्तीसगढ़

सीएम अनियमित कर्मचारियों का करना चाहते हैं भला, अधिकारी कर रहे गुमराह

Nilmani Pal
10 Nov 2022 6:04 AM GMT
सीएम अनियमित कर्मचारियों का करना चाहते हैं भला, अधिकारी कर रहे गुमराह
x

स्थाईकर्मी बनाने लो.नि.वि. के श्रमायुक्त दर के अस्थायी श्रमिको की मांग

रायपुर (जसेरि)। छ. ग. राज्य में 45 हजार संविदा अनियमित के नियमितीकरण वाले ट्वीटर पोस्ट ने माहौल को गरमा दिया है, कुछ में इस ट्वीट को पढ़ कर बेहद खुशी है, तो कुछ की घबराहट बढ़ गई हैं। बहुत से संगठन ने इस खबर के बाद आने वाले जून माह 2023 तक कि मांग की रणनीति तैयारी कर ली है। रायपुर राजधानी के धरना स्थल में कुछ दिनों में इनकी की आहट प्रारंभ हो जाएगी, आगामी शीत कालीन सत्र में विपक्ष सदन के भीतर सरकार को पुन: नियमितीकरण के मुद्दे पर घेरने का प्रयास करेगी। संगठनों ने सरकार को अपने हित में सहमत करने के लिए कानूनी बाधा-बजट प्रभाव समझने देश के अन्य राज्यो से जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है। सविंदा वाले राजेस्थान उड़ीसा सरकार के स्थायीकरण के नियमावली नीति समझने का प्रयास शुरू कर दिये है, वही प्लसमेन्ट, ठेका, आउटसोर्सिंग वाले हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व उड़ीसा के प्रावधानों,कैबिनेट के निर्णय नीति को खंगाल रहे है। 45 हजार में अपना स्थान बनाने सभी संगठन लगे है। यह सब तो हो गई सूत्रों द्वारा प्राप्त अनियमित, सविंदा कर्मचारियों के संगठनों के प्रयास गतिविधि की जानकारी।

इसी श्रृंखला में एक बड़ा वर्ग और भी है। जो राजकोष (ट्रेजरी) से वेतन पाता है। विभिन्न विभागो में तृतीय श्रेणी व चतुर्थ श्रेणी के कार्य करता है। 45 हजार में इनका दावा भी बनता है परन्तु 54 विभाग मे मात्र एक ही विभाग उसके एक ही संगठन इस दिशा में प्रयास कर रहा है। वह संगठन है। छत्तीसगढ़ लोक निर्माण विभाग दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कल्याण संघ जिसके प्रदेश अध्यक्ष संतोष कोसरिया है। मध्य प्रदेश सरकार के भांति स्थाई कर्मी बनने का मांग करने वाला यह प्रदेश का पहला संगठन है। स्थाई कर्मी बनने की मांग वाली इनकी रणनीति सटीक दिखाई तो पड़ती है क्योंकि इसमे बजट का बोझ बिल्कुल नही है, वही कोई कानूनी बाधा ऊमादेवी प्रकरण जैसी सरकार को बिल्कुल नही आएगी। इस विषय मे चर्चा के दौरान संगठन के प्रदेश प्रवक्ता सत्यम शुक्ला ने अवगत करवाया की उनके संगठन ने यह मांग इसलिए कि क्योंकि विभाग के प्रमुख अभियन्ता महोदय से मुलाकात पश्चात स्पष्ट हो गया कि लोक निर्माण विभाग के सारे कर्मचारी, श्रमायुक्त दर के अस्थायी श्रमिक में आते है, सभी को निर्माण कार्य के हेड से वेतन भुगतान किया जाता है फिर चाहे वह लेबर वर्क करता हो या कार्यालयीन कम्प्यूटर ऑपरेटर, एलडीसी का,यह ज्ञात होने पर, देश के राज्यो में खोज शुरू हुआ कि क्या कोई ऐसा राज्य है जहां सविंदा, आउट सोर्सिंग, ठेका प्लेसमनेट, वालो की भांति किसी राज्य की सरकार ने उनके यहां कार्यरत श्रमायुक्त दर के अस्थायी श्रमिको को नियमित किया हो? तब ज्ञात हुआ कि मध्य प्रदेश में 2016 -17 में वहां की सरकार ने अपने सभी विभागों में कार्यरत सभी श्रमायुक्त दर के अस्थायी श्रमिकों को स्थाई कर्मी बनाया है। इस दिशा में संगठन ने अविलंब मुख्यमंत्री जी, लोक निर्माण मंन्त्री जी व सचिव लोक निर्माण विभाग को म. प्र. के श्रमायुक्त की तरह स्थाईकर्मी बनाने का ज्ञापन सौपना प्रारंभ कर दिया। अब आने वाले एक दो माह में देखना रोचक होगा कि इन समस्त सविदा, प्लसमेन्ट, ठेका, आउट सोर्सिंग और श्रमायुक्त दर के श्रमिको में से किस किस के कितने संख्या में कर्मचारी 45 हजार में नियमित हो पाते है।


Next Story