CM विष्णुदेव साय ने बस्तर दसराहा पसरा के विकास कार्य का किया लोकार्पण
दसराहा पसरा में 75 दिवसीय दशहरा उत्सव में होने वाले मुख्य विधि विधान जिनमें पाट जात्रा, डेरी गढ़ाई, काछन गादी, रैला देवी पूजा, जोगी बिठाई, रथ परिक्रमा, बेल पूजा, निशा जात्रा, मावली परघाव, भीतर रैनी-बाहर रैनी काछन जात्रा, कुटुम्ब जात्रा एवं डोली विदाई की जीवन्त प्रतिकृति स्थापित कर जन सामान्य एवं पर्यटकों को सुलभ जानकारी देने का प्रयास किया गया है।
प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व छत्तीसगढ़ की अनुठी सांस्कृतिक विशेषतापूर्ण एवं बस्तर के जन-जातियों की आराध्य देवी दन्तेश्वरी तथा स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा विधान के रूप में मनाया जाता है। तहसील कार्यालय में पहले से चली आ रही परंपरा अनुसार दशहरा पर्व में शामिल होने वाले क्षेत्र के सभी देवी देवता, आंगादेव, देवी की छत्र की उपस्थिति का दर्ज इसी स्थल पर किया जाता रहा है। इसलिए प्रशासन द्वारा तहसील कार्यालय को अन्य स्थल पर स्थांनातरित कर पुराने तहसील कार्यालय को दसराहा पसरा के लिए चिन्हांकित कर दिया गया है।