इंदिरा बैंक घोटाले पर बोले सीएम - जो दोषी उनके खिलाफ होगी कार्रवाई, निवेशकों की लौटाई जाएगी राशि
उल्लेखनीय है कि इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एव पूर्व विधायक रायपुर शहर स्वरूपचंद जैन, इंदर चंद धाड़ीवाल तथा अन्य पार्टी नेताओं ने मिल कर गठित किया था। जिसके बोर्ड आफ डॉयरेक्टर्स ने लीला पारेख सुमन पाठक, स्वरूपचंद जैन की पत्नी, गजराज पगारिया की पत्नी, स्वर्गीय राधेश्याम शर्मा की पत्नी, स्वर्गीय अब्दुल हमीद हयात की पत्नी सहित रीता तिवारी, किरण तिवारी, सविता शुक्ला व सरोजनी शर्मा जैसे बड़े कांग्रेस नेत्री शामिल थीं। इनमें से अधिकांश डॉयरेक्टर इस समय जीवित नहीं हंै ऐसे में जांच का दायरा बहुत सीमित रहने की संभावना है और जांच से कुछ ज्यादा निकल कर हासिल होने वाला नहीं है।
रायपुर (जसेरि)। इंदिरा प्रियर्दशनी बैंक घोटाले में पुलिस की जांच शुरू होने के साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विपक्षी दल के नेताओं की बयानबाजी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अभी तो जांच के लिए कोर्ट ने आदेश दिया है। पुलिस के अधिकारी पूरी फाइल का अध्ययन कर रहे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस घोटाले में गरीबों का पैसा, आम जनता का पैसा डूबा है। लोग ने सांठगांठ करके पैसा डकार लिया है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि जो निवेशक हैं, जो खाताधारक है, उसका पैसा वापस होना चाहिए। जिन्होंने गरीबों, मजदूरों और किसानों का पैसा दबाया है, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि लोगों का पैसा वापस हो। घोटाले का पैसा जहां भी निवेश हुआ हो, उसकी वसूली की जाएगी। मुख्यमंत्री ने दावे के साथ कहा कि लोगों का पैसा वापस कराया जाएगा। अब तक की जांच में देरी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दुख की बात है कि भाजपा की सरकार के समय वर्ष 2006 का मामला है। नार्को टेस्ट 2007 में हो गया था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। बैंक घोटाले की नार्कों टेस्ट की सीडी के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट किया था। इस सीडी में बैंक के मैनेजर उमेश सिन्हा यह कहते हुए दिख रहे हैं कि घोटाले का पैसा पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह, उनकी सरकार के मंत्री रामविचार नेताम, बृजमोहन अग्रवाल और राजेश मूणत के साथ अन्य लोगों को पैसा दिया गया। कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव के समय वादा किया था कि प्रियर्दशनी बैंक घोटाले के दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। उप महाअधिवक्ता संदीप दुबे ने बताया कि जनवरी 2023 में कोर्ट में दो याचिका दायर की गई थी। पहली याचिका में बैंक घोटाले के नार्कों टेस्ट की सीडी के आधार पर जांच की अनुमति मांगी गई थी। दूसरी याचिका में अब तक की जांच के दस्तावेज उपलब्ध कराने की अनुमति मांगी गई थी। कोर्ट ने 23 जून को अनुमति दी, जिसके बाद जांच के 1500 पेज के दस्तावेज और करीब 45 मिनट की नार्कों टेस्ट की सीडी प्राप्त हुई।
जिसे रायपुर के कोतवाली थाने में जांच के लिए सौंप दिया गया है। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने सोमवार को पत्रकारों से चर्चा में कहा कि मुख्यमंत्री गड़बड़ी का आरोप लगाते रहे हैं। अब तो न्यायालय के निर्देश जांच शुरू हो गई है, लेकिन वह कुछ भी नहीं कर सकते हैं।
वह सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक इस्तेमाल करेंगे। चुनाव नजदीक आएगा तो ऐसा ही कुछ बोलेंगे। चंद्राकर ने चुनौती दी कि दम है तो दोषियों को जेल के अंदर कराएं। इसके जवाब में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि जो नियम है, उसके मुताबिक कार्रवाई होगी। इसमें किसी को दम दिखाने की क्या बात है। सीडी में अजय चंद्राकर का तो नाम नहीं है, लेकिन जांच में जो भी व्यक्ति आएगा। उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।